अनुनाद

अनुनाद

All Blogs

‘वह’ संधिकाल जहाँ एक उम्मीद मिल रही है – कवि की पसन्‍द : कुमार अम्‍बुज

अग्रज और वरिष्‍ठ कवि विनोद कुमार शुक्‍ल के प्‍यारे-से नए कविता संग्रह ‘कभी के बाद अभी’ का शीर्षक बहुत आभार और विश्‍वास के साथ उधार

Read More »

विपिन चौधरी की कविताएं

विचित्र लेकिन बहुत सुन्‍दर है आज की, अभी की हिंदी कविता का युवा संसार….कितनी तरह की आवाज़ें हैं इसमें….कितने रंग-रूप…कितने चेहरे…अपार और विकट अनुभव, उतनी

Read More »

‘मदर इंडिया’ और ‘हम मांस के थरथराते झंडे हैं’

ये हमारे समय के दो महत्‍वपूर्ण युवा कवि और उनकी कविताएं हैं। कवियों ने इन्‍हें अलग-अलग समयों, स्‍थानों और तनाव में सम्‍भव किया है। गीत

Read More »

अरुण देव की कविताएँ

मैं ब्‍लागिंग की अपनी शुरूआत में काफी सक्रिय  रहा…फिर  ग़ायब-सा हो गया या कहिए कि होना पड़ा। इस बीच कुछ बहुत सुन्‍दर और सार्थक कर दिखाने

Read More »

हर चूल्‍हे में आग रहे और आग लगे बन्‍दूकों को – अशोक कुमार पांडेय की कविता

अशोक कुमार पांडेय हिंदी की युवा कविता के कुछ सबसे सधे हुए कवियों में है, जिसके सधे हुए होने में भी कुछेक दिलचस्‍प पेंच हैं।

Read More »

बिक्रम के पद – मृत्‍युंजय

बिक्रम के ये पद मृत्‍युंजय के मुख से प्रकट हुए हैं। मृत्‍युंजय वामदिशा वाले सक्रिय साहित्‍यकर्मी हैं। कविताएं लिखते हैं, आलोचक हैं और जनवादी कविता

Read More »
error: Content is protected !!
Scroll to Top