गिरिराज किराड़ू की नई कविताएं ये गिरिराज किराड़ू के साथ-साथ ‘मीर के अब्बू’ की भी कविताएं हैं, यानी आदमी हो रहे दरख़्त की। इन्होंने गिरिराज किराड़ू की कविता होने में Read More » September 30, 2013
कविता जो साथ रहती है-6 / महेश वर्मा की एक कविता : गिरिराज किराड़ू गिरिाराज किराड़ू ने इस बार न सिर्फ़ अपने बल्कि मेरी समझ के भी बहुत क़रीब के कवि महेश वर्मा पर लिखा है। यह कविता मेरे Read More » September 23, 2013
के पी सिंह के कम्प्यूटर कविता वालपेपर – वीरेन डंगवाल की कविताएं और एक शुभकामना मैंने दो पोस्ट पहले थकान और कुछ निजी वजहों से अनुनाद पर गतिविधियों के शिथिल रहने की बात कही थी, मेरा हाल वैसा ही है Read More » September 21, 2013
के पी सिंह के कम्प्यूटर कविता वालपेपर के पी सिंह नामक एक सज्जन ने मुझे आठ कविता वालपेपर अपनी इस टिप्पणी के साथ भेजे हैं – ”इस तरह फोटोशाप वाले पोस्टर हाथ Read More » September 19, 2013
डॉ. नूतन डिमरी गैरोला की दो कविताएं अँधेरे के वे लोग अँधेरे में छिपे वे लोग कभी दिखते नहीं दिन के उजालों में भी अदृश्य वे सड़क चलते आवारा कुत्ते डरते Read More » September 17, 2013