अनुनाद

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कहानी

ईजा / गिरीश अधिकारी

अरे ईजा! तू तो बहुत दुबली पतली हो गई , क्या हुआ तुझे?” पूरे दो साल बाद दिल्ली से गांव आया दिनेश अपनी पीठ और

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कहानी

एक अख़बार की कहानी/लेखक-ओ.हेनरी अनुवाद -योगेश ध्‍यान‍ी

सुबह 8 बजे ताजा अखबार ग्यूसेप्पी के समाचार-स्टैंड पर पड़ा था, उस पर अभी भी छपाई का गीलापन था। ग्यूसेपी अपनी आदत के अनुसार दूसरे

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आलोचना / समीक्षा

बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल नहीं है ये एआई की दुनिया/अमित श्रीवास्‍तव

   विज्ञान एक बड़ी सी गेंद है जिसे लपकने के लिए आपके दोनों हाथों की ज़रुरत पड़ती है पर उसे आसमान में उछाल देने के

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