अनुनाद

समाज और संस्कृति

कुमाउनी लोक-साहित्य में घुघुत- संजय घिल्डियाल

पाश्चात्य ज्ञान मीमांसा मुख्य रूप से सामाजिक परिदृश्य तथा प्राकृतिक क्षेत्र के मध्य विरोध पर आधारित है।1 ऐसा विरोध पारिस्थितिक परिप्रेक्ष्य

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उत्तम वाग्गेयकार कुमार गंधर्व : रवि जोशी

                         “ पंडित  शाङ्ग॔देव द्वारा वर्णित उत्तम वाग्गेयकार के रूप में                                               पंडित कुमार गन्धर्व का स्थान ” १३ वीं शताब्दी

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इमैजिंड कम्यूनिटीज़ – बेनेडिक्ट ऐन्डर्सन : अनुवाद – अनुराधा सिंह

राष्ट्रवाद राष्ट्रीय उन्माद का रूप धारण करे इससे पहले इस अवधारणा की उत्पत्ति के सांस्कृतिक आधार और इतिहास पर दृष्टिपात करना

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