आलोकवर्धन की कविताएं : चयन और प्रस्तुति – आशीष मिश्र
हमारी कोशिश है कि भिन्न-भिन्न स्वर कविता के हम अनुनाद पर छाप सकें। इसके लिए कभी सीधे कवियों से सम्पर्क करते हैं और कभी किसी
हमारी कोशिश है कि भिन्न-भिन्न स्वर कविता के हम अनुनाद पर छाप सकें। इसके लिए कभी सीधे कवियों से सम्पर्क करते हैं और कभी किसी
कुछ बहसतलब खरी कविताओं के बीच नीलकमल का दूसरा कविता संग्रह ‘यह पेड़ों के कपड़े बदलने का समय है’ कई दिन से मेरी मेज़ पर
अनिल कार्की विकल, विकट और अंतहीन छटपटाहटों का कवि है। ये मनुष्य से आगे एक विचारवान मनुष्य होने की छटपटाहटें हैं, जो उसे समय में
लोकोन्मुख आस्वाद की कविताएं :पांव तले की मिट्टी – आशीष कुमार “ कहा जा रहा है कविता खत्म हो रही है पर मुझे हर
विचित्र लेकिन बहुत सुन्दर है आज की, अभी की हिंदी कविता का युवा संसार। कितनी तरह की आवाज़ें हैं इसमें, कितने रंग-रूप, कितने चेहरे, अपार
इन ग़ज़लों में नए प्रयोग हैं। सायास हिंदीपन नहीं, बोली-बानी का अहसास ज़रूर है। हिंदी में ग़ज़ल कहना मुश्किल बात है इसीलिए स्थापित नाम भी
1. दुनिया के सारे धर्मग्रंथ कर दिए जाएं तहख़ानों के हवाले (भले ही कुछ समय के लिए) और पढ़े जाएं सिर्फ़ प्रेमग्रंथ…….. अवतारों के रूप
हरेप्रकाश उपाध्याय की कविताओं का इंतज़ार, अनुनाद के लिए बहुत पुराना इंतज़ार था। अब जाके पूरा हुआ। कठिन प्रखर प्रतिभा, सख़्त बोली, अक्खड़-फक्कड़ व्यवहार के