
उन्होंने ही किया सर्वाधिक दोहन भरोसे का, जिनकी शिराओं में सभ्यताओं की रसोई का नमक घुला था – शालिनी सिंह की कविताएं
शालिनी सिंह की कविताएं 90 के दशक से साहित्य में उद्भूत स्त्री-अस्मिता की ओर इशारा करती हैं, किन्तु ये अपने कथ्य और कहन में बिल्कुल
शालिनी सिंह की कविताएं 90 के दशक से साहित्य में उद्भूत स्त्री-अस्मिता की ओर इशारा करती हैं, किन्तु ये अपने कथ्य और कहन में बिल्कुल
स्वीकारोक्ति कटोरी में समुद्र अंजलि में पृथ्वी सजाकर मैं बहुत खुश था अपने आप को एक मीर समझता था।
73 वर्षीय जुरीनाह हसन (हनीरुज उपनाम) मलेशिया की सबसे प्रतिष्ठित कवि कथाकारों में शामिल हैं और देश की पहली स्त्री राष्ट्रकवि (नेशनल लॉरिएट) हैं। बचपन
सीमा सिंह की कविताएं प्रेम, प्रतीक्षा, स्वप्न, पीड़ा और इच्छाओं के अछोर विस्तार में खड़ी कविताएं हैं। इस विस्तार में उनसे पहले भी एक समूची
शंकरानंद समकालीन हिन्दी कविता के सम्मानित और सुपरिचित रहवासी हैं। उनकी ये कविताएं समाज और राजनीति में इधर बहुप्रसारित ‘सूची’बद्ध प्रकाश के बीच अवस्थित नागरिक
डोगरी के कवि ध्यान सिंह की पंक्ति कोंपलें नहीं फूट रहीं , महज कविता की नहीं, सामाजिक जीवन और उसकी दशा-दिशा की भी टीस बनकर
गूगल इमेज से साभार उम्र में तीस के बाद वह एक अरसे से सोच रहा है, उम्र में तीस के बाद ज़िंदगी
अनुष्का पाण्डेय की कविताएँ सीधे-सरल संसार के उतने ही सरल प्रश्नों से निकलती-उलझती कविताएं लगती हैं, किन्तु यह भी याद दिलाती चलती हैं कि हर
जोशना बैनर्जी आडवाणी की कविताएं कई कहे-अनकहे, सुने-अनसुने कथानकों को सिरजती हुई अपनी कहन के लिए एक अलग तरह का शिल्प गढ़ती हैं। अंचल विशेष
ऋतु डिमरी नौटियाल की कविताएं आज के मनुष्य-जीवन और जीवन-शैली में घटित हो रहे प्रसंगों और प्रश्नों को स्पर्श करते हुए उनका सरल उत्तर देती