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फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताएं : अनुवाद : शानी / 4

फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताओं / गीतों के अनुवाद की ये चौथी और अन्तिम किस्त ……… इन सारी कविताओं/गीतों के अनुवादक प्रसिद्ध कथाकार दिवंगत गुलशेर

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फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताएं : अनुवाद : विष्णु खरे / 3

फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताओं / गीतों के अनुवाद की ये तीसरी किस्त ……… नारंगी के सूखे पेड़ का गीत लकड़हारेमेरी छाया काटमुझे खुद को

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फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताएं : अनुवाद : विष्णु खरे / 2

फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताओं / गीतों के अनुवाद की ये दूसरी किस्त ………चांद उगता है जब चांद उगता हैघंटियां मंद पड़कर ग़ायब हो जाती

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फेदेरिको गार्सिया लोर्का की कविताएं : अनुवाद : विष्णु खरे / 1

ये सभी अनुवाद आलोचना के अंक जनवरी-मार्च 1987 से साभार। इन पन्द्रह कविताओं को श्रृंखलाबद्ध प्रस्तुत करने का इरादा है और यह उम्मीद भी कि

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नए साल पर हैराल्ड पिंटर की कविताएँ : चयन और अनुवाद – यादवेन्द्र

यादवेन्द्र जी के नाम और काम से अब हिन्दी जगत खूब परिचित है। दुनिया भर की कविता और साहित्य के बीहड़ में भटकना उनका प्रिय

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एक अदृश्य सत्ता : जान पिल्गर : अनुवाद – अनिल

(हमारे समय में चेतना की धार को कुंद करने वाले शब्दों को उसके सही और वास्तविक मायनों में व्याख्यायित करने वाले प्रख्यात पत्रकार जान पिल्गर

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