अंतिम दिन की अनुभूति – चन्द्रकांत देवताले Leave a Comment / By Anunad / September 9, 2017 एक टीस, एक लहर…. जो अभी उठनी शुरू हुई है…और ऊंची उठती जाएगी…. यह कविता अनुप्रिया देवताले ने शेयर की है। वीडियो परिकल्पना रुचिता तिवारी की है, सहयोग युवा कवि अमित श्रीवास्तव का।
डॉ. नूतन डिमरी गैरोला- नीति September 10, 2017 at 4:00 pm दिल हिल गया .. निःशब्द कविता पर उसके पाठ में गूँजती आवाज पर और शब्दचित्रांकन पर Reply
सुन्दर।
दिल हिल गया .. निःशब्द कविता पर उसके पाठ में गूँजती आवाज पर और शब्दचित्रांकन पर