अनुनाद

अनुनाद

मकान मालकिन (रोऑल्ड ढल)/हिंदी अनुवाद : श्रीविलास सिंह

बिली वीवर लंदन से अपराह्न वाली धीमी गति की रेलगाड़ी से, रास्ते में स्विंडन में गाड़ी बदलता हुआ, यात्रा करके आया था। जिस समय वह बाथ पहुँचा रात्रि के नौ बजे के आसपास का समय हो रहा था और सितारों भरे साफ़ आकाश में चाँद स्टेशन के प्रवेशद्वार के सामने वाले मकान के ऊपर निकल रहा था। किंतु माहौल मारक रूप से ठंडा था और हवा उसके गालों पर बर्फ की कटार की भाँति पड़ रही थी।

 “एक्सक्यूज़ मी,” उसने कहा, “ क्या कोई सस्ता होटल है जो यहाँ से बहुत दूर न हो?”

 “बेल एंड ड्रैगन में कोशिश करो,” कुली ने सड़क के एक ओर संकेत करते हुए कहा। “वे तुम्हें ठहरा सकते हैं। वह यहाँ से एक चौथाई मील के क़रीब दूर सड़क के दूसरी ओर है।”

 बिली ने उसको धन्यवाद दिया और अपना सूटकेस उठा कर बेल एंड ड्रैगन के लिए चौथाई मील की दूरी तय करने चल पड़ा। वह पहले कभी बाथ नहीं आया था। वह किसी ऐसे को नहीं जानता था जो वहाँ रहता हो। लेकिन लंदन में मुख्यालय में मिस्टर ग्रीनस्लेड ने उसे कहा था कि यह एक शानदार शहर था। “अपने रहने की जगह ख़ुद तलाशो,” उन्होंने कहा था, “और फिर जब ठीक से व्यवस्थित हो जाओ तो शाखा प्रबंधक के पास जा कर रिपोर्ट करो।”

 बिली सत्रह साल का था। वह नेवी ब्ल्यू रंग का नया ओवरकोट, नया ट्रिल्बी हैट और भूरे रंग का नया सूट पहने हुए था तथा बहुत अच्छा महसूस कर रहा था और सड़क पर फुर्ती से चल रहा था। आजकल वह हर काम फुर्तीले तरीक़े से कर रहा था। वह इस निर्णय पर पहुँचा था कि फ़ुर्तीलापन सभी सफल व्यवसायियों की सामान्य विशेषता है। मुख्यालय के बड़े लोग जादुई रूप से हर समय फुर्तीले रहते थे। वे लोग अद्भुत थे।

 चौड़ी सड़क पर कोई दुकान नहीं थी और जब वह सड़क पर चल रहा था दोनों ओर बस ऊँची इमारतें थी, सारी की सारी एक जैसी। उन सभी में पोर्च और खंभे बने थे और चार या पाँच सीढ़ियाँ थी जो सामने के द्वार को जाती थी और यह बात आसानी से समझी जा सकती थी कि किसी समय वे वैभवपूर्ण आवासीय इमारतें रही होंगी। लेकिन अभी, अंधेरे में भी, वह देख सकता था कि दरवाज़ों पर के लकड़ी के काम से पेंट की पपड़ियाँ छूट रही थी और उनके सुदर्शन, श्वेत अगले हिस्से बिना देखभाल के दरारों से टूट रहे थे।

 अकस्मात्, सीढ़ियों के नीचे की एक खिड़की में, जो छः गज दूर स्थित लैंप पोस्ट से शानदार तरीक़े से प्रकाशित थी, बिली की निगाह एक छपे हुए नोटिस पर पड़ी जो ऊपर के एक पल्ले के शीशे पर चिपका हुआ था। उस पर लिखा था “बेड एंड ब्रेकफास्ट” । पीली गुलदाउदी का एक लम्बा और खूबसूरत गुलदान ठीक नोटिस के नीचे स्थित था।उसने चलना रोक दिया। वह थोड़ा और नज़दीक गया। हरे पर्दे (किसी प्रकार का मख़मली कपड़ा) खिड़की के दोनों ओर लटके हुए थे। उनकी बग़ल में गुलदाउदी के फूल बहुत आश्चर्यजनक लग रहे थे। वह सीधे वहाँ गया और शीशे में से भीतर कमरे में झाँका और जो पहली चीज उसने देखी वह आतिशदान में जलती चमकदार आग थी। आग के सामने कालीन पर एक नन्हा प्यारा सा डॉक्सैंड (कुत्ता) अपने पेट में अपनी नाक छिपाए गुड़ामुड़ा सो रहा था।

 ख़ुद कमरा, जहाँ तक वह नीमअंधेरे  में देख सकता था, खूबसूरत फ़र्नीचर से भरा हुआ था। वहाँ एक बेबी ग्रैंड पियानो, एक बड़ा सोफा, और कई गद्देदार कुर्सियाँ रखी थी; और एक कोने में उसने देखा कि एक पिंजरे में एक बड़ा तोता था। इस तरह की जगह में, जीव-जंतु सामान्यतः अच्छा संकेत होते है। बिली ने स्वयं से कहा; और सब कुछ को देखते हुए, उसे लगा जैसे रहने के लिए यह एक काफ़ी अच्छी जगह होगी। निश्चित रूप से यह बेल एंड ड्रैगन से अधिक आरामदायक होगी।

 दूसरी ओर, एक पब एक बोर्डिंग हाउस से अधिक अनुकूल जगह होगी। शाम को वहाँ बीयर और डॉर्ट होगा, और बात करने के लिए ढेरों लोग, और संभवतः वह अपेक्षाकृत सस्ता भी होगा। वह दो रातें पहले भी एक पब में रह चुका था और वह उसे पसंद भी आया था। वह कभी किसी बोर्डिंग हाउस में नहीं ठहरा था, और यदि पूरी ईमानदारी से कहा जाए तो, वह उनसे थोड़ा डरता भी था। नाम से ख़ुद ही पानी वाली पत्तागोभी, लालची मकान मालकिनें, और लिविंग रूम में एक ताकतवर हाउसकीपर की गंध की  छवि उभरती थी।

 इस तरह दो तीन मिनट ठंड में कंपकपाने के पश्चात बिली ने निर्णय लिया कि वह यहाँ के बारे में मन बनाने से पूर्व आगे जाएगा और बेल एंड ड्रैगन पर एक नज़र डालेगा। वह जाने के लिए मुड़ा। और अब उसके साथ एक विचित्र बात हुई। वह वापस लौटने और मुड कर खिड़की से दूर जाने ही वाला था कि उसकी निगाह एकाएक बहुत ख़ास तरीक़े से चिपके छोटे से नोटिस पर अटक गयी जो वहाँ लगा था। उस पर बेड एंड ब्रेकफास्ट लिखा था। बेड एंड ब्रेकफास्ट, बेड एंड ब्रेकफास्ट, बेड एंड ब्रेकफास्ट। हर शब्द शीशे में से उसकी ओर झाँकती बड़ी काली आँखों की भाँति उसे ताक रहा था, उसे पकड़े हुए, उसे मजबूर करता, जहाँ वह था वहीं रहने के लिए मजबूर करता और मकान से दूर जाने से रोकता, और अगली बात जो उसने जानी वह ये थी कि वह वास्तव में खिड़की से हट कर मकान के मुख्य द्वार की ओर जाने को सीढ़ियाँ चढ़ रहा था जो कालबेल तक पहुँचती थी।

 उसने घंटी का स्विच दबाया। दूर पीछे के किसी कमरे में उसने घंटी बजने की आवाज सुनी और फिर तुरंत — यह निश्चय ही तुरंत ही हुआ होगा क्योंकि वह घंटी के बटन से अपनी उँगली भी नहीं हटा पाया था — दरवाज़ा तेजी से खुल गया और एक महिला वहाँ खड़ी थी।सामान्यतः आप घंटी बजाते हैं और कम से कम आधा मिनट प्रतीक्षा करते हैं इसके पूर्व कि दरवाज़ा खुले। लेकिन यह तो कुछ अनपेक्षित सा था। उसने घंटी बजाई — और वह बाहर आ गई ! इससे वह उछल गया।

 वह लगभग पैंतालीस या पचास वर्ष की थी, और जिस समय उसने उसे देखा, महिला उसे देख कर स्वागत में गर्मजोशी से मुस्करायी।

 “कृपया भीतर आइए,” उसने बहुत अच्छे से कहा। वह दरवाज़े को पूरा खोलती हुई, एक ओर हट गई और बिली ने स्वयं को स्वचालित तरीक़े से मकान में आगे बढ़ते हुए पाया। बाध्यता अथवा, अधिक सही कहें तो, उसका अनुगमन करते हुए घर में जाने की इच्छा असाधारण रूप से मज़बूत थी।

 “मैंने खिड़की में लगा नोटिस देखा था,” उसने स्वयं को रोकते हुए कहा।

“हाँ, मैं जानती हूँ।”

 “मैं एक कमरे की तलाश में घूम रहा था।”

 “यह पूरी तरह तुम्हारे लिए तैयार है,” उसने कहा। उसका चेहरा गोल और गुलाबी था और उसकी आँखें नीली और बहुत विनम्र थी।

 “मैं बेल एंड ड्रैगन के लिए जा रहा था,” बिली ने उससे कहा। “लेकिन आपकी खिड़की पर लगे नोटिस ने मेरा ध्यान आकृष्ट कर लिया।

 “मेरे प्यारे बच्चे,” उसने कहा, “तुम ठंड में से भीतर क्यों नहीं आ जाते?”

 “आप कितना चार्ज करती हैं ?”

 “पाँच और छः पेन्स एक रात के, ब्रेकफास्ट सहित।”

 यह तो बहुत ही सस्ता था। यह तो उसके आधे से भी कम था जो भुगतान करने को वह इच्छुक था।

“यदि यह अधिक है तो,” उसने जोड़ा, “ तो मैं थोड़ा कम भी कर सकती हूँ। क्या तुम्हें ब्रेकफास्ट में अंडा चाहिए? इस समय अंडे महँगे हैं। बिना अंडे के छः पेन्स कम हो जाएँगे।”

 “पाँच और छः पेन्स ठीक है। उसने कहा। मुझे यहाँ रहना अच्छा लगना चाहिए।”

 “मैं जानती हूँ तुम्हें अच्छा लगेगा। भीतर आ जाओ।”

 वह बहुत ही अच्छी लग रही थी। वह बिलकुल किसी अच्छे स्कूली दोस्त की माँ जैसी, क्रिसमस की छुट्टियों के दौरान अपने घर में रहने हेतु स्वागत करती सी लग रही थी। बिली ने अपना हैट उतार दिया और दरवाज़े के भीतर कदम रखा।

 “उसे वहाँ टांग दो,” उसने कहा, “और मुझे अपना कोट उतारने में मदद करने दो।”

 हाल में कोई और हैट अथवा कोट नहीं थे। वहाँ कोई छाता अथवा टहलने की छड़ी भी नहीं थी।

 “यहाँ सब कुछ केवल हमारे लिए है,” उसने, जब वह उसे सीढ़ियों से ऊपर ले जा रही थी, उसके कंधों के ऊपर की ओर देखते मुस्कुराते हुए कहा।

 “देखो, ऐसा अक्सर नहीं होता जब हम अपने नन्हें घोंसले में किसी आगंतुक के आने का आनंद उठा पाते हैं।”

 बूढ़ी लड़की थोड़ी दीवानी है, बिली ने ख़ुद से कहा। लेकिन पाँच और छः पेन्स एक रात के किराए पर इस बात की परवाह कौन करता है? – मैं सोच रहा था कि आपके पास प्रार्थियों की भीड़ लगी होगी,” उसने विनम्रता से कहा।

 “हाँ, ऐसा है, माय डियर, निश्चित रूप से ऐसा है। लेकिन समस्या यह है कि मैं थोड़ी सी इस मामले में चूजी और विशिष्ट हूँ – तुम देख सकते हो मेरा क्या मतलब है।”

 “ओह, हाँ।”

 “लेकिन मैं सदैव तैयार रहती हूँ। हर चीज सदैव दिन रात तैयार रहती है शायद कब बे मौक़े कोई स्वीकार्य युवा और भद्र पुरुष आ जाये। और यह आनंददायक होता है, बहुत अधिक आनंददायक होता है जब मैं यदाकदा दरवाज़ा खोलती हूँ और मैं वहाँ किसी को खड़ा हुआ पाती हूँ जो कि एकदम ठीक हो।” वह सीढ़ियों के मध्य में थी, जब वह सीढ़ियों की रेलिंग पकड़ कर एक क्षण को रुक गई, और अपना सिर घुमा कर बदरंग होठों से उसकी ओर देख कर मुस्करायी। “तुम्हारे जैसा,” उसने जोड़ा और उसकी नीली आँखें बिली की समूची देह पर नीचे की ओर दौड़ गयीं और पुनः ऊपर की ओर।

 पहली मंज़िल पर पहुँच कर उसने उससे कहा, “यह मंज़िल मेरी है।”

 वे दूसरी मंज़िल के लिए सीढ़ियाँ चढ़ गए। “और यह तुम्हारी है,” उसने कहा। “तुम्हारा कमरा ये है। मैं आशा करती हूँ तुम इसे पसंद करोगे।” वह उसे सामने के एक छोटे किंतु आकर्षक शयनकक्ष में ले गई और लाइट जलाते हुए भीतर चली गई।

 “सुबह का सूरज सीधे खिड़की से दिखता है, मिस्टर पर्किन्स। आप मिस्टर पर्किन्स हैं, क्या नहीं?”

 “नहीं,” उसने कहा, “ मैं मिस्टर वीवर हूँ।”

 “मिस्टर वीवर। बहुत बढ़िया। मैंने चादरों के बीच में एक पानी की बोतल रख दी है, उन्हें गर्म रखने के लिए, मिस्टर वीवर। एक अजनबी बिस्तर में साफ़ सुथरी चादर के साथ एक गर्म पानी की बोतल का होना बहुत आरामदायक होता है, क्या आप सहमत नहीं हैं? और आप किसी भी समय यदि ठंडक महसूस करें तो गैस जला सकते हैं।”

 “धन्यवाद,” बिली ने कहा। “बहुत बहुत धन्यवाद।” उसने नोटिस किया कि बिस्तर को ढकने वाली चादर हटा दी गई है और ओढ़ने की चादर और कंबल क़रीने से एक ओर मोड़ दिए गए हैं, किसी के सोने के लिए सब कुछ तैयार है।

 “मैं बहुत खुश हूँ कि तुम आए,” उसने बिली के चेहरे को बहुत ध्यान से देखते हुए कहा, “मैं चिंतित होने लगी थी।”

“सब ठीक है,” बिली ने प्रसन्नता से कहा। “आपको मेरे लिए चिंतित नहीं होना चाहिए।” उसने अपना सूटकेस कुर्सी पर रख दिया और उसे खोलने लगा।

 “और रात्रि के भोजन का क्या है, माय डियर? क्या तुमने यहाँ आने से पहले कुछ खा लिया था?”

 “मैं बिलकुल भूखा नहीं हूँ, धन्यवाद,” उसने कहा। “मैं सोचता हूँ अब मैं सोऊँगा जितना शीघ्र सम्भव हो उतनी जल्दी क्यों कि कल सुबह मुझे अपेक्षाकृत जल्दी उठना है और कार्यालय में रिपोर्ट करना है।”

 “फिर ठीक है। अब मैं जाऊँगी ताकि तुम अपना सामान निकाल सको। लेकिन सोने से पूर्व क्या तुम भूतल पर बैठक में आ कर रजिस्टर में हस्ताक्षर करने की कृपा करोगे।हर एक को यह करना होता है क्योंकि यह देश का क़ानून है और हम इस स्थिति में कोई क़ानून नहीं तोड़ना चाहते, क्यों?” उसने उसकी ओर हल्के से हाथ हिलाया और उसके कमरे से तेज़ी से बाहर निकलते हुए दरवाज़ा बंद कर दिया।

 अब, इस तथ्य से कि उसकी मकान मालकिन थोड़ी सी खिसकी हुई लग रही थी, बिली को जरा भी चिंता नहीं थी। सब के बाद, न केवल वह हानिरहित थी – इस सम्बंध में कोई संदेह नहीं था – बल्कि वह काफ़ी दयालु और उदार आत्मा भी थी। उसने अनुमान लगाया की शायद उसने युद्ध में अपना पुत्र खो दिया है, अथवा और कुछ ऐसा ही, और उससे कभी भी मुक्त नहीं हो पायी है। इसलिए कुछ मिनट्स के पश्चात, अपना सामान खोल लेने और अपने हाथ धो लेने के बाद, वह सीढ़ियाँ उतर कर भूतल पर आया और बैठक में प्रविष्ट हुआ। उसकी मकान मालकिन वहाँ नहीं थी किंतु आतिशदान में आग जल रही थी और नन्हा कुत्ता अब भी उसके आगे सो रहा था। कमरा आश्चर्यजनक रूप से गर्म और आरामदायक था। मैं भाग्यशाली हूँ, उसने अपने हाथ आपस में रगड़ते हुए सोचा। एक तरह से यह सब एकदम ठीक है।

 उसने अतिथि पंजिका को पियानो पर खुला पड़े पाया, इसलिए अपनी कलम निकाली और अपना नाम और पता लिख दिया। उसके ऊपर पन्ने पर मात्र दो और प्रविष्टियाँ थी, और जैसा कि कोई अतिथि पंजिका देख कर हमेशा करता है, वह उन्हें पढ़ने लगा। एक था क्रिस्टोफ़र मल्फोर्ड कार्डिफ़ से। और दूसरा ब्रिस्टल से ग्रिगोरी डब्ल्यू. टेम्पल। यह बड़ा मज़ेदार है, उसने एकाएक सोचा। क्रिस्टोफ़र मल्फ़ोर्ड। यह कुछ सुना सा नाम लगा। अब किस जगह उसने यह अपेक्षाकृत असामान्य सा नाम सुना था?

 क्या वह स्कूल में कोई लड़का था? क्या वह उसकी बहन के अनेकों बॉयफ़्रेंड्स अथवा पिता के मित्रों में से कोई था? नहीं, नहीं, यह उन में से कोई नहीं था। उसने पुनः पंजिका पर नज़र डाली। क्रिस्टोफ़र मल्फ़ोर्ड, 231, कैथीड्रल रोड, कार्डिफ़। ग्रेगोरी डब्ल्यू. टेम्पल, 27 सायकामोर ड्राइव, ब्रिस्टल। वास्तव में अब उसने फिर इस बारे में सोचा कि वह निश्चित नहीं कह सकता था कि दूसरा नाम भी उतना ही परिचित सा नहीं लग रहा जितना कि पहला।

 “ग्रेगोरी टेम्पल? उसने अपनी स्मृति में खोजते हुए  ज़ोर से कहा। क्रिस्टोफ़र मल्फ़ोर्ड ?….

 “बहुत प्यारे लड़के थे,” उसके पीछे से एक आवाज ने जवाब दिया, वह मुड गया और उसने अपनी मकान मालकिन को अपने हाथों में एक बड़ी सी चाँदी की चाय की ट्रे लिए देखा। वह उसे बिलकुल उसके सामने लिए हुए थी, अपेक्षाकृत ऊपर उठाए हुए, जैसे कि वह ट्रे किसी खिलन्दडे घोड़े की लगाम हो।

 “वे कुछ कुछ परिचित से लग रहे हैं,” उस ने कहा।

 “अच्छा? कितनी दिलचस्प बात है।”

 “मुझे लगभग पक्का लगता है कि मैंने ये नाम कहीं पहले सुने हैं। क्या यह विचित्र नहीं है? हो सकता है यह समाचार पत्र में रहा हो। वे किसी तरह प्रसिद्ध नहीं थे, क्या थे? मेरा मतलब है प्रसिद्ध क्रिकेट खिलाड़ी या फुटबॉल खिलाड़ी अथवा इसी तरह के कुछ?”

 “प्रसिद्ध,” उसने सोफ़े के सामने की नीची टेबुल पर ट्रे रखते हुए कहा, “नहीं, मैं नहीं समझती कि वे प्रसिद्ध थे। लेकिन वे असाधारण रूप से सुदर्शन थे, दोनों ही, मैं दावे के साथ कह सकती हूँ। वे दोनों लंबे और युवा थे और सुदर्शन भी, माय डियर, बिलकुल तुम्हारे जैसे।”

 एक बार पुनः, बिली ने पंजिका में देखा।

“इधर देखो,” उसने तारीख़ पर ध्यान देते हुए कहा। “यह आख़िरी प्रविष्टि लगभग दो साल से पहले की है।”

 “अच्छा?”

 “हाँ, निश्चय ही। और क्रिस्टोफ़र मुलहॉलैण्ड की उससे एक साल पहले की – तीन साल से अधिक पहले की।”

 “ओह,” उसने अपना सिर हिलाते और सुंदर सी आह भरते हुए कहा।”मैंने इस बारे में सोचा भी नहीं। समय कैसे हम सब से दूर उड़ जाता है, है न मिस्टर विल्किन्स?”

 “मैं मिस्टर वीवर हूँ,” बिली ने कहा, “वी-वर।”

“ओह, निश्चय ही !” वह सोफ़े पर बैठते हुए चिल्लाई। “मैं कितनी बेवक़ूफ़ हूँ। मैं माफ़ी चाहती हूँ। मैं एक कान से सुन कर दूसरे से निकाल देती हूँ, मिस्टर वीवर।”

 “आप कुछ जानती हैं?” बिली ने कहा। “कुछ जो इस सब के बारे में असाधारण है?”

“नहीं, प्रिय, मैं नहीं जानती।”

 “अच्छा, आप देखिए – ये दोनों ही नाम, मुलहॉलैण्ड और टेम्पल, मुझे ये दोनों अलग अलग न केवल याद आते से लग रहे हैं, यदि कहूँ तो, बल्कि किसी न किसी प्रकार, किसी विशेष तरीक़े से, वे आपस में संबंधित भी हैं। मानों वे किसी एक जैसी बात के लिए प्रसिद्ध हों, मेरा मतलब है – जैसे कि… जैसे डेम्प्सी और टूनी, उदाहरण के लिए, अथवा चर्चिल और रूज़वेल्ट।”

 “कितना आश्चर्यजनक,” उसने कहा। “लेकिन अभी यहाँ सोफ़े पर माय डियर, मेरे पास सोफ़े पर बैठो और मैं तुम्हें चाय का बढ़िया सा प्याला और अदरख वाले बिस्कुट दूँगी, तुम्हारे सोने जाने से पहले।”

 “आपको वास्तव में परेशान नहीं होना चाहिए,” बिली ने कहा। “मेरा ये मतलब नहीं था कि आप ऐसा कुछ करें।” वह पियानो के पास उसे देखता हुआ खड़ा था जब वह कप प्लेटों से उलझी हुई थी। उसने नोटिस किया कि उसके हाथ छोटे, सफ़ेद और तेज़ी से चलते हुए थे और उँगलियों के नाखून लाल।

“मुझे पक्का लग रहा है कि उनका नाम मैंने अख़बार में देखा था,” बिली ने कहा। मैं इस बारे में एक सेकेंड में सोच लूँगा। निश्चय ही मैं कर लूँगा।”

 ऐसी चीज से अधिक और कुछ कष्टकारी नहीं होता जो किसी की स्मृति की सीमा रेखा के ठीक बाहर रुकी रह जाती है। उसे हार मान लेने से घृणा थी।

 “अब, एक मिनट प्रतीक्षा करो,” उसने कहा। “बस एक मिनट रुको। मुलहॉलैंड… क्रिस्टोफ़र मुलहॉलैण्ड… क्या यह एटोन के उस छात्र का नाम नहीं जो पश्चिमी ग्रामीण इलाक़े की पैदल यात्रा पर था और फिर अकस्मात्….”

 “दूध?” उसने पूछा। “और शक्कर?”

 “हाँ, प्लीज़। और फिर अकस्मात्…”

 “एटोन का छात्र?” उसने कहा। “ओह, नहीं माय डियर, यह संभवतः ठीक नहीं हो सकता क्योंकि मेरे मिस्टर मुलहॉलैण्ड जब मेरे यहाँ आए थे, निश्चित रूप से एटोन के छात्र नहीं थे। वे कैम्ब्रिज के अवर स्नातक थे। अब यहाँ आओ और यहाँ मेरे पास बैठो और इस प्यारी आग के सामने अपने को गर्माहट दो। आओ। तुम्हारी चाय तैयार है।” उसने अपनी बग़ल में सोफ़े की ख़ाली जगह को थपथपाया और बिली को देख मुस्कराती हुई बैठी उसके आने की प्रतीक्षा करती रही। उसने धीरे से कमरे को पार किया, और सोफ़े के किनारे पर बैठ गया। महिला ने उसके लिए चाय का प्याला उसके सामने टेबुल पर रख दिया।

 “तो हम यहाँ है,” उसने कहा। कितना बढ़िया और आरामदायक है, क्या नहीं?”

 बिली ने अपनी चाय पीनी शुरू कर दी। उसने भी वही किया। आधे मिनट के लिए दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला। लेकिन बिली जानता था कि वह उसे ही देख रही थी। उसकी देह आधी बिली की ओर मुड़ी हुई थी, और और वह अपने चेहरे पर उसकी आँखें महसूस कर सकता था, अपने प्याले के किनारे से उसे देखती हुई। बीच बीच में उसे एक विशेष प्रकार की महक का अनुभव हुआ जो उसकी देह से आती हुई सी महसूस होती थी। यह जरा भी अरुचिकर नहीं थी और यह उसे कुछ याद दिला रही थी – वह निश्चित नहीं था कि वह उसे क्या याद दिला रही थी। अखरोट का अचार ? नया चमड़ा ? अथवा वह किसी अस्पताल का गलियारा था?

 “मिस्टर मुलहॉलैंड को यह चाय बहुत पसंद थी,” उसने विस्तार से बताया। “मैंने किसी को अपने जीवन में इतनी चाय पीते नहीं देखा जितनी प्यारे मिस्टर मुलहॉलैंड पीते थे।”

 “मुझे लगता है वे अभी हाल में ही छोड़ कर गए हैं,” बिली ने कहा। वह अभी भी उन दो नामों के बारे में सोच रहा था। 

उसे अब पक्का विश्वास हो गया था कि उसने उन्हें अख़बार में देखा था – हेडलाइन्स में।

 “छोड़ गया,” उसने अपनी भौंहें टेढ़ी करते हुए कहा। “लेकिन मेरे प्यारे बच्चे, वह कभी छोड़ कर नहीं गया। वह अब भी यहीं है। मिस्टर टेम्पल भी यहीं हैं। वे तीसरी मंज़िल पर हैं, दोनों साथ साथ हैं।”

 बिली ने धीरे से अपना प्याला टेबुल पर रखा, और मकान मालकिन की ओर देखा। वह उसकी ओर देख कर मुस्करायी और फिर उसने अपना एक सफ़ेद हाथ उसके घुटने पर रख कर सांत्वना में थपथपाया। ”तुम्हारी क्या उम्र है, माय डियर?” उसने पूछा।

 “सत्रह।”

 “सत्रह !” वह चिल्लाई। “ओह, यह एकदम सही उम्र है ! मिस्टर मुलहॉलैंड भी सत्रह के थे। लेकिन मेरे विचार से वे तुम से थोड़ा सा कम लंबे थे, वास्तव में निश्चित रूप से वे कम लंबे थे, और उनके दाँत भी इतने सफ़ेद नहीं थे। तुम्हारे दाँत सबसे खूबसूरत हैं, मिस्टर वीवर, क्या तुम्हें पता है?”

“वे उतने अच्छे नहीं हैं, जितने दिखते हैं,” बिली ने कहा। “उनमें पीछे की ओर फिलिंग कराई गई है।”

 “निश्चय ही, मिस्टर टेम्पल थोड़े अधिक उम्र के थे,” उसने बिली की बात को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा। “वे वास्तव में अट्ठाइस के थे। फिर भी मैं कभी अंदाज़ न लगा पाती यदि उन्होंने मुझे न बताया होता, जीवन भर भी नहीं। उनकी देह पर इसका एक भी चिह्न नहीं था।”

 “क्या नहीं था?” बिली ने कहा।

 “उनकी त्वचा किसी बच्चे की त्वचा जैसी थी।”

 एक क्षण को सन्नाटा रहा। बिली ने अपना प्याला उठाया और चाय का एक और घूँट लिया, फिर उसने उसे पुनः धीरे से प्लेट में रख दिया। उसने उसके कुछ कहने की प्रतीक्षा की किंतु लग रहा था वह पुनः अपने मौन में चली गयी थी। वह उसकी ओर सीधे देखता बैठा रहा, उसके ठीक सामने, कमरे के दूर वाले कोने में, अपना नीचे का होंठ चबाता हुआ।

“वह तोता,” बिली ने अंततः कहा। “आपको कुछ पता है? जब मैंने गली में से खिड़की से पहली बार इसे देखा था तो इसने मुझे पूरी तरह बेवक़ूफ़ बना दिया था। मैं क़सम खा सकता था कि यह ज़िंदा था।”

 “अफ़सोस, अब नहीं है।”

 “ऐसा बहुत भयंकर चतुरता के साथ किया गया है,” बिली ने कहा। “ यह जरा सा भी मरा हुआ नहीं लगता। ऐसा किसने किया?”

 “मैंने किया है।”

 “आपने किया है?”

 “निश्चित रूप से,” उसने कहा। “और तुम मेरे नन्हे बॉसिल से मिले?” उसने आग के सामने गुडीमुड़ी बैठे डॉक्सेंड कुत्ते की ओर इशारा किया। बिली ने उसकी ओर देखा। और अकस्मात् उसे भान हुआ कि यह जानवर भी उसी भाँति चुप और गतिहीन रहा है जैसे कि तोता। उसने हाथ बढ़ा कर उसकी पीठ को धीरे से छुआ। पीठ कठोर और ठंडी थी, और जब उसने अपनी उँगली से बालों को एक ओर हटाया, वह उसके नीचे की त्वचा देख सकता था, भूरापन लिए काली, सूखी और पूरी तरह संरक्षित।

 “बहुत शानदार,” उसने कहा। “एकदम से कितना चमत्कारी।” वह दूसरी ओर मुड़ गया और सोफ़े पर बैठी महिला को गहरी प्रशंसा की दृष्टि से देखने लगा। “इस तरह की कोई चीज करना निश्चय ही सबसे कठिन रहा होगा।”

 “बिलकुल भी नहीं,” महिला ने कहा। “मैं अपने सभी पालतुओं को, जब वे मर जाते है, अपने हाथ से स्टफ़ (भर) करती हूँ। क्या तुम एक और प्याला चाय या कॉफ़ी लोगे ?”

 “जी नहीं, धन्यवाद,” बिली ने कहा। चाय का स्वाद हल्का सा ‘कड़वे बादामों’ जैसा था लेकिन उसने इसकी ख़ास परवाह नहीं की।

 “क्या तुमने पंजिका में हस्ताक्षर कर दिये, अथवा नहीं?”

 “जी, कर दिया।”

 “फिर ठीक है। क्योंकि यदि बाद में ऐसा होता है कि मैं भूल जाऊँ कि तुम्हें क्या कहते थे, मैं यहाँ नीचे आ कर देख सकूँ। मैं मिस्टर मुलहॉलैंड के सम्बंध में अब भी लगभग हर दिन ऐसा करती हूँ और मिस्टर…मिस्टर…”

 “टेम्पल,” बिली ने कहा। “ग्रिगोरी टेम्पल। मुझे यह पूछने हेतु क्षमा करे, लेकिन क्या उन दोनों के अतिरिक्त पिछले दो या तीन वर्षों में और कोई अतिथि नहीं आए?”

 अपना चाय का प्याला एक हाथ में ऊँचा उठाए हुए, अपना सिर थोड़ा सा बायीं ओर झुका कर, महिला ने उसकी ओर अपनी आँखों के कोने से देखा और पुनः कोमलता से मुस्कुरायी।

 “नहीं, माय डियर,” उसने कहा। “ केवल तुम आए हो।”

 

*****

संकेत : (सायनाइड का स्वाद कड़वे बादामों जैसा होता है।)

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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