अनुनाद

हौले से गिरती बूंदों को अपनी पलकों पर रख लेना – निहाल सिंह की कविताऍं

courtesy : vineeta yashavi

 मैं न आऊं लौटकर तो 

मैं न आऊं लौटकर तो 

तुम गॉंव के जवानों 

के पॉंव की माटी 

की जरा सी टुकड़ी 

अपने घर की चौखट 

पर रख देना 

मैं न आऊं लौटकर तो 

तुम वसंत के मौसम में 

खेतों में लहराती हुई 

फसलों के ऊपर 

उड़ती हुई बयारों को

देख लेना 

मैं न आऊं लौटकर तो 

तुम सावन की झड़ी में 

हौले से गिरती बूंदों को

अपनी पलकों पर 

रख लेना

मैं न आऊं लौटकर तो 

तुम उष्ण की रात में 

छत पर सितारों 

से बातें कर लेना 

इन सभी में 

उपस्थित रहूंगा मैं 

कहीं न कहीं

***

 बिटिया 

देखते ही देखते 

बिटिया कितनी बड़ी हो गई है 

कपड़े छोटे पड़ गए हैं 

काया जामुन के पेड़ की ज्यूँ

फटाफट से बढ़ने लगी है 

अभी कुछ दिनों 

पहले की ही तो बात है

जब 

मिट्ठन हलवाई की

दुकान पर

 मेरी अंगुली पकड़कर जाया करती थी 

गर्म – गर्म जलेबियां 

खाने के वास्ते 

ज़िद किया करती थी 

एक शेर जलेबी 

घर को भी ले आती थी 

एकाएक से ही 

अंगुली पकड़ते हुए 

अब मेरे कांधे से भी 

ऊपर को बढ़ गई है 

वास्तव में बेटियां 

कितनी जल्दी बढ़ जाती हैं

 पता नहीं चलता है 

***

 अकाल के दिन 

पूरे आषाढ़ के महीने में 

जल की एक टुकड़ी तक 

नहीं बरसी है 

इस साल 

खेतों में धूल के 

गुब्बारे उड़ते हैं

धरा आंच की तरह

तप रही है,

दिवाकर आग 

के गोले 

बरसा रहा है 

अनगिनत 

अनाज़ की दो बोरियां 

ही बची हुई है 

उससे गुजारा करना है 

बारह मास 

थोड़ी मुट्ठी ज्वार 

कि‍ परिंदों को भी 

डालनी है 

वह असहाय परिंदे 

कहॉं फिरते रहेंगे 

अनाज़ की मुट्ठी 

के वास्ते 

थोड़ा हक़ तो उनका 

भी बनता है 

धरा से उपजे 

अनाज पर 

उनको भी उनका

हक मिलना चाहिए 

***

तुम हो तो क्या कमी है 

तुम हो तो क्या कमी है 

निलय में पसरे

अंधेरे को

तेरी चश्मों ने 

रोशनी से भर दिया है,

तुम हो तो क्या कमी है 

सूखे ऑंगन की 

शुष्क पत्तियों को 

छूते ही तुमने 

गुलज़ार कर दिया है 

तुम हो तो क्या कमी है 

मेरी सूनी बगिया में 

दो नन्हे पुष्पों को 

खिला दिया है 

***

परिचय –

नाम -निहाल सिंह 

जन्मतिथि – 17-02-1977

गांव – दुधवा 

जनपद- झुंझुनूं 

राज्य – राजस्थान 

शिक्षा – बारहवीं तक 

व्यवसाय – कृषि 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top