एक वृक्ष का शोकगीत और विषाद की कुछ कविताएँ – राकेश रोहित
राकेश रोहित ने पिछले कुछ समय में निरन्तर मूल्यवान कविताएं लिखी हैं। प्रकृति के गझिन रूपकों और उदात्त मानवीय भावनाओं के
राकेश रोहित ने पिछले कुछ समय में निरन्तर मूल्यवान कविताएं लिखी हैं। प्रकृति के गझिन रूपकों और उदात्त मानवीय भावनाओं के
विमलेश त्रिपाठी अनुनाद के पुराने साथी लेखक हैं। उनकी दो लम्बी कविताएं पहली बार अनुनाद पर छपीं और चर्चा में रहीं।
मूलत: ये अनुवाद kritya international poetry festival के लिए किए गए थे, प्रिंट में ये ‘कथादेश ‘में आए। दुष्यंत
नाला झरना एक समान उगना सड़ना एक समान हंसना डरना एक समान गण्डा चिमटा एक समान जीना-मरना एक शब्द है सीधा-उल्टा
935 में जन्मी मेरी ओलिवर अमेरिका की लोकप्रिय कवि हैं – न्यूयॉर्क टाइम्स ने उन्हें अमेरिका की सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली कवि
कई दिन बीते, मैं ढहे हुए नेट की रफ़्तार खोज रहा हूं। कुछ दिन पहले वि.वि. में ईमेल देखे तो पाया
स्वरांगी साने के अनुवाद में मराठी कविताओं की यह दूसरी प्रस्तुति है। कवि और अनुवादक का आभार। *** अपर्णा कडसकर, इस
‘पहली बार’ ब्लाग पर मुसाफ़िर बैठा की कविता से पहला परिचय हुआ। उनकी कविताओं का अपना डिक्शन है, अपनी ही एक
स्वरांगी साने की कविताएं अनुनाद छापते हुए मैंने उनसे मराठी से अनुवाद के लिए अनुरोध किया था और उन्होंने कुछ अनुवाद
सरकारी नौकरी में कई लोग ऐसा ही महसूस करते हैं, जैसा अमित की ये कविता महसूस कराती है। ये सीधे-सीधे वाक्य