मैंने सुना
बेटी आठवीं में आ गई है उन्होंने कहा
देखते–देखते दसवीं में चली जाएगी उन्होंने कहा
एक दिन विदा हो जाएगी.
यह कविता क्यों है आलोचक डाँटेंगे
इसमें कौन सी छोटी बात बड़ी बनती है
इस टिप्पणी पर तुम कहोगे
नहीं–नहीं बात छोटी बड़ी की नहीं कविता की है.
बात कविता की है फिर कहूँ
उन्होंने कहा बेटी एक दिन विदा हो जाएगी
मैंने सुना.
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(मार्सेल ड्यूचैम्प की तस्वीर ‘बाइसिकल व्हील’ म्यूज़ियम ऑफ़ मॉडर्न आर्ट्स, न्यू योंर्क की वेब साईट से साभार)
बेटी एक दिन विदा हो जायेगी
पूरी की पूरी कविता…सारी की सारी कविता..यही है
आभार
मार्मिक. अंदाजे बयां की अनूठी ताजगी के साथ.
बहुत बहुत बधाई ………..इतने छोटे शिल्प की इतनी बड़ी कविता !!!!! सोचने के लिए पूरा आकाश छोड़ दिया ……
nice
बहुत सुन्दर है आपकी यह रचना!
आप यहाँ भी हैं-
http://charchamanch.blogspot.com/2010/02/blog-post_02.html
हूँ……दिलचस्प
लाल्टू चकित करते हैं हमेशा अपने अनूठे शिल्प से।