अनुनाद

अनुनाद

मैंने सुना – लाल्टू की एक कविता


मैंने सुना


बेटी आठवीं में आ गई है उन्होंने कहा
देखतेदेखते दसवीं में चली जाएगी उन्होंने कहा
एक दिन विदा हो जाएगी.

यह कविता क्यों है आलोचक डाँटेंगे
इसमें कौन सी छोटी बात बड़ी बनती है
इस टिप्पणी पर तुम कहोगे
नहींनहीं बात छोटी बड़ी की नहीं कविता की है.

बात कविता की है फिर कहूँ
उन्होंने कहा बेटी एक दिन विदा हो जाएगी
मैंने सुना.

****
(मार्सेल ड्यूचैम्प की तस्वीर ‘बाइसिकल व्हील’ म्यूज़ियम ऑफ़ मॉडर्न आर्ट्स, न्यू योंर्क की वेब साईट से साभार)

0 thoughts on “मैंने सुना – लाल्टू की एक कविता”

Leave a Reply to आशुतोष कुमार Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top