होमलैंड सिक्योरिटीघंटे दर घंटे दिन प्रतिदिन
एअरपोर्ट सुरक्षाकर्मी
खड़ी रहती है एक्सरे मशीन के पास
बगल से गुज़रते भूतों को
मॉनिटर पर देखते हुए
तह किये हुए कपड़ों के हलके धारीदार खाके
में बहती हुईं
धुंधले किनारों वाली स्याह आकृतियाँ
वह अपने काम अच्छी है
उसने सीख लिया है
फर्क करना
फर्क करना
बम और साबुन की टिकिया में
कंघे और हैण्डगन में
पर वक़्त बीतने पर
उसे मशीन की ज़रुरत नहीं रहती
वह सीधे देख सकती है
आपके ब्रीफकेस आपके हैण्डबैग के भीतर
गिन सकती है वे सिक्के
जो आप जेब से बाहर निकालना भूल गए थे
वह देख लेती है
आपके पहने हुए कपड़ों
आपके ओढ़े हुए माँस की कुम्हलाई क्षणिकता के आर-पार
और आपके दिल की जर्द धड़कती परछाई के इर्द-गिर्द
की भुतहा हड्डियों तक
और अब उसने जाना कि
दिन के चौबीसों घंटे हफ़्ते के सातों दिन
वह देखने लगी है इसी तरह
काम के तनाव को लेकर बहुत परेशान रहने लगी है
परेशान कि कहीं वह पागल न हो जाये
वह इसे ऑफ कर देना चाहती है
पर नहीं कर पाती
कोड हमेशा रेड होता है
और दुश्मन हर तरफ.
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(रिकी रोमां की पेंटिंग ट्राइआर्की प्रेस की वेबसाइट से साभार)
kamaal hai!