अनुनाद

नैनीताल में दीवाली – वीरेन डंगवाल

( अनुनाद के सभी पाठकों को दीपावली की शुभकामनाएं )

ताल के ह्रदय बले
दीप के प्रतिबिम्ब अतिशीतल
जैसे भाषा में दिपते हैं अर्थ और अभिप्राय और आशय
जैसे राग का मोह

तड़ तडाक तड़ पड़ तड़ तिनक भूम
छूटती है लड़ी एक सामने पहाड़ पर
बच्चों का सुखद शोर

फिंकती हुई चिनगियाँ
बगल के घर की नवेली बहू को
माँ से छिपकर फूलझड़ी थमाता उसका पति
जो छुट्टी पर घर आया है बौडर से
***

0 thoughts on “नैनीताल में दीवाली – वीरेन डंगवाल”

Leave a Reply to दर्पण साह Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top