अनुनाद

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क्या तुम मेरे ऊपर व्यंग्य कर रहे हो? नहीं मैं तुम्हें गाली दे रहा हूं : पंकज मिश्र

हमारे वक़्त के ये यक्ष-युधिष्ठिर संवाद, जिन्हें इन्हीं में से चुराकर मैंने ऊपर एक शीर्षक दे दिया है। यक्ष पूछता है – क्या तुम मेरे ऊपर व्यंग्य कर रहे हो…  युधिष्ठिर जवाब देता है – नहीं मैं तुम्हें गाली दे रहा हूं। मुझे याद आता है परसाई जी का कहा कि निर्मल वर्मा की भाषा बहुत कोमल-बहुत अच्छी है लेकिन मेरे किसी काम की नहीं, मुझे तो भाषा में गाली देने का काम पड़ता है। इन संवादों में समाज, राजनीति से लेकर साहित्य तक की बहसों का एक सजग रचनात्मक संसार, जो धड़कता किंवा तड़पता हुआ-सा है, हमें तटस्थ रहे आने के विरुद्ध एक अजब बेचैनी से भर देता है। पंकज जी आपका स्वागत है अनुनाद पर। यह संवाद यहां जारी रहेगा। 
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यक्ष – हामिद अंसारी कौन है ?
युधिष्ठिर – हामिद अंसारी …..राज्यसभा टीवी चैनल के मुखिया हैं …
यक्षभारत के उपराष्ट्रपति को तुम एक चैनल के मुखिया मात्र में रिड्यूस करके क्या दिखाना चाहते हो …..
युधिष्ठिर – राष्ट्र भक्ति ….

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यक्ष – मुआफ़ी क्या होती है ?
युधिष्ठिर – मुआफ़ी एक चिड़िया होती है जो ट्वीट करती है …जैसे ही आप ट्वीट को ध्यान से सुन उसे अप्रीशियेट करना चाहते है , चिड़िया फुर्र से उड़ जाती है ……

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यक्ष –F T I I ( FILM & TELEVISION INSTITUTE OF INDIA ) के प्रमुख के रूप में गजेन्द्र चौहान के चयन को क्या तुम ठीक मानते हो ? सिर्फ हाँ या नही में उत्तर न देना ….कारण भी बताना है |
युधिष्ठिर – हे यक्ष ! आपको यह प्रश्न मुझसे नही पूछना चाहिये था | कारण स्पष्ट है ,मैं बायस्ड भी हो सकता हूँ | चूंकि , मुझे राजकाज चलाने का अनुभव है और राजनीति का भी इसलिए स्वयम को बायस्ड होने से बचाने के लिए मैं एक राजा के तौर पर जवाब देना चाहूँगा …
यक्ष – साधुवाद युधिष्ठिर ……तुम से मुझे यही अपेक्षा थी कि तुम इस प्रश्न का उत्तर धर्मराज युधिष्ठिर के बजाय राजा युधिष्ठिर की तरह दोगे | तुम्हारा यह निर्णय तुम्हारे धर्मराज रूप को और प्रतिष्ठा देगा …….पुनः साधुवाद ……तो राजा युधिष्ठिर इस चयन को उचित मानता है या अनुचित ??
युधिष्ठिरमैं इस चयन को बिलकुल उचित मानता हूँ ….कोई भी राजा होता तो यही चुनता …. क्योंकि उन्हें हर जगह सिर्फ एक ऐक्टर चाहिये , जो डायरेक्टर के मुताबिक , एक लिखी हुई स्क्रिप्ट के हिसाब से अभिनय कर सके .F T I I भी कोई अपवाद नही है …..इसके लिए जिस पैनल के बीच से चुनाव होना था उसमे कौन कौन थे यह भी तो देखिये ….श्याम बेनेगल , अदूर गोपालाकृष्णन और गुलज़ार ….वांछनीय योग्यता किस में थी अब जरा इसकी भी परख करें …..आप खुद देखिये कि ….श्याम बेनेगल और अदूर गोपालाकृष्णन दोनों प्रोड्यूसर और डायरेक्टर है इन्हें सिर्फ निर्देशित करना आता है निर्देशित होना नही , इसके अलावा तीसरे हुए गुलज़ार जो एक हाथ और आगे है वे तो स्क्रिप्ट भी खुद लिखते है और गीत भी अपना ही लिखा गवाते है …..
अब इसके बाद गजेन्द्र चौहान के अलावा चयन हेतु किसी भी राजा के पास और क्या विकल्प बच रहता है ……..
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यक्षगज़ब किया तेरे वादे पे ऐतबार किया ‘ ……दूसरा मिसरा याद नहीं आ रहा …..
राजन ! यह कलाम किसका है ?
युधिष्ठिरआपको गलत जानकारी है यक्ष …….
यह न तो शेर है, न ही यह किसी का अधूरा कलाम है …..यहलोकोक्ति है …..
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यक्ष म्यांमार के हालिया इनकार से क्या भारत की सम्पूर्ण विश्व में किरकिरी हुई है ? क्या ऐसी बयानबाजी राजनयिक और विदेशनीति की असफलता है ?
युधिष्ठिर नहीं ……नही ..बिलकुल नही ……यह हमारी ऐतिहासिक सफलता है …..किरकिरी के बजाय यह हमारे लिए हर्ष का विषय है | ऐसा इतिहास में पहली बार होने जा रहा है कि बिना किसी युद्ध के हमने सीमा विस्तार कर लिया | आखिर नष्ट हुए कैम्प किसी भूभाग पर ही रहे होंगे , उसके बाशिंदे भी भारतीय और क्या चाहिये …..यदि म्यांमार उस जगह को अपनी सीमा के भीतर नहीं मानता तो सीमा स्वयमेव पुनर्निर्धारित हो गई | अब वह भूभाग हमारा हुआ | ऐसा नसीब सबका नही होता | हम पांच गाँव के लिए महाभारत करने वाले लोग है और यहाँ इतना एरिया मुफ्त हाथ आ गया | हम एक ऐतिहासिक घटना के साक्षी हुए यक्ष ……..
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यक्षविश्व का सबसे सुदीर्घ फोटोसेशन किस देश में और कब घटित हुआ ?
युधिष्ठिर देश की बात तो किया न करे यक्ष , आर्यावर्त के होते हुए किसी अन्य देश की क्या बिसात |
अब तक के आंकड़ों के अनुसार सबसे दीर्घकाल तक चलने वाला फोटोसेशन स्वच्छता अभियान के दौरान सम्भव हुआ …….यह अभियान प्रत्यक्षतः फोटो सेशन ही है और कुछ नही इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि जिस समय इन्द्रप्रस्थ में सफाई कर्मी हड़ताल पर थे और चहुँदिश गंदगी का अम्बार था उस समय कोई भी स्वच्छता कार्य करते हुए नही दिखा …न ही ऐसा कोई सेशन हुआ ……
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यक्ष हिन्दुस्तान और म्यांमार के बीच रिश्ते को क्या नाम दिया जा सकता है ?
युधिष्ठिर – मोहब्बत ……और सिर्फ मोहब्बत …
दोनों के बीच निहायत नर्म-ओ-नाज़ुक आशिक और माशूक का रिश्ता है ….. माशूक जिसके इनकार में भी इकरार पढ़े जाने की रवायत है …..
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यक्ष – जीवन में सबसे भावनात्मक क्षण कब आते हैं ?
युधिष्ठिर – स्मृति के झरोखे से , उसके गलियारे में झांकते समय ……
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यक्ष जनता परिवार की एकजुटता का सबसे बड़ा फायदा क्या है ?
युधिष्ठिर एक अनाथ बच्चे को फ्री में इफरात गार्जियन मिल जाना , इसका सबसे बड़ा फायदा है |
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यक्ष आधुनिक रावण कौन है | इस रावण की क्या विशेषता है ?
युधिष्ठिर ऐसा माना जाता है कि आधुनिक रावण पाकिस्तान है जिसकी नाभि म्यांमार में है | इस आधुनिक परिभाषा की सत्यता की परख हेतु नाभि में राम ने तीर चला दिया है | अब देखना है कि रावण का क्या होता है……
यक्षअब भी यदि रावण नही मरा तो क्या राम की क्षमताओं पर सवाल न उठेगा ….
युधिष्ठिरबिलकुल नही …….आधुनिक भक्तों की दृष्टि में आधुनिक राम की क्षमता अप्रश्नेय है | सारा दोष किसी विभीषण के सर डाला जाएगा ……
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यक्षयोग क्या है ?
युधिष्ठिरपहले चाहे जो रहा हो फिलहाल तो योग एक राजनीतिक व्यायाम है जिसका ड्रेसकोड डिसाइड होना बाकी है पर ………इसपे बहस जारी है …….
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यक्षएक धर्मनिरपेक्ष राज्य की संकल्पना कितनी साकार हो पाई है ?
युधिष्ठिरधर्मनिरपेक्ष राज्य की संकल्पना का हाल तो ये है , कि धर्म निरपेक्ष राज्य होते होते हम एक शर्मनिरपेक्ष राष्ट्र अवश्य हो गये हैं ……..
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यक्षक्या देश को योग के आसनों की जरूरत है ?
यक्ष नहीं ………..हमारे तो जींस में भांति भांति के आसन है जो हम प्रैक्टिस करते रहते हैं , अलग से क्या जरूरत …….७० से ७५ फीसद मेहनतकश आबादी , उन्हें न स्ट्रेचिंग एक्सरसाईज चाहिये , न स्टेमिना , न एरोबिक्स , न फ्लेक्सिबिलिटी , न योगा , इतने लचीले हैं कि रिक्शे पर सिकुड कर सो जाते है , ट्रक के नीचे सपरिवार रह लेते हैं , क्लाइमेट कंडीशंड देह है …उन्हें तो शवासन करने का भी टाइम नही है इसलिए फोर्स्ड शवासन तो उनके लिए मैंडेटरी कर ही दिया गया है …..लाटरी सिस्टम से करवाया भी जाता है …
मिडिल क्लास का एक हिस्सा तो परमानेंट मुर्गा बना ही हुआ है | यह सर्वांगासन और गर्भासन का फ्यूज़न है | इसका एक बड़ा हिस्सा सर्पासन , उष्ट्रासन , मयूरासन , ताडासन वगैरह शौकिया करता ही रहता है ………बमुश्किल १० से १५ फीसद की आवश्यकता को राष्ट्रीय आवश्यकता बना देना देखा जाए तो एक राष्ट्रीय रोग है , इसके उपचार के लिए कोई आसन हो तो ठीक | बाई द वे पूरी व्यवस्था स्थायी शीर्षासन में आलरेडी है ही …और फिर उगते सूरज को सलाम करना तो हमारा सनातन धर्म है , इसमें कोई हस्तक्षेप हमे बर्दाश्त नही , इस मामले में हम पूरी तरह पन्थ निरपेक्ष हैं…… सो अलग से सूर्य नमस्कार करने करवाने की क्या जरूरत …
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यक्षसूर्यनमस्कार क्या है ?
युधिष्ठिर यह उगते सूरज को सलाम करने की कवायद है | हम कलजुगी लोग यह समझते थे कि यह कलजुगीन कवायद है परन्तु अब हम जान गये हैं की यह अत्यंत प्राचीन परम्परा है | हर सफल आदमी इसमें पारंगत होता है इसलिए इसे सबको करना चाहिए …..
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यक्ष बांग्ला देश के निर्माण में अटल जी का क्या योगदान था ?
युधिष्ठिरवही जो Mumbai Indians को I.P.L ( 8 ) का चैम्पियन बनाने में चीयर लीडर्स का था …..
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यक्ष भीषण गर्मी के क्या फायदे है ?
युधिष्ठिरभीषण गर्मी के फायदे चमत्कारिक हैं | यह लोगों के कपडे तो उतरवा देती है पर नंगा नहीं करती, सिवाय उनके, जो इस भीषण गर्मी में प्यास और लू से मरते हुए लोगों को, राहत पहुँचाने के बजाय जल , जो ऐसे वक्तों में जीवन है , उस पर अपना एकाधिकार जमाए बैठे हैं |
यक्ष – क्या तुम मेरे ऊपर व्यंग्य कर रहे हो ?
युधिष्ठिर – नहीं ……मैं तुम्हे गाली दे रहा हूँ ……
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यक्षराम के वनवास में क्या खास है ?

युधिष्ठिर राम के वनवास ने राम को रामत्व प्रदान किया वरना उसके पहले तक उनका जीवन उन्हें साधारण नायकत्व भी प्रदान करने में सक्षम न था | इसके अतिरिक्त राम के वनवास के पीछे एक सम्विधानेतर सत्ता मन्थरा के रूप में सक्रिय थी …….मन्थरा ही वास्तविक रघुकुल रीत है जो चलती चली आ रही है…….बाकी वचन और प्राण के अन्तर्सम्बन्ध का सच तो सबके सामने है ही ……..
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यक्ष – सबसे स्लो अराइवल और डिपार्चर किस प्लेन का होता है ?
युधिष्ठिर – जिस प्लेन में नरेन्द्र मोदी सफर करते है |
यक्ष – वो भला कैसे राजन ?
युधिष्ठिर मीडिया सुबह से बताता रहता है पहुँचने वाले हैं …कुछ ही देर में पहुँचने वाले हैं …और दोपहर में पहुँचते है | यही हाल डिपार्चर में भी होता है …..अब जाने वाले है ..अब जाने वाले हैं …निकल चुके , निकल चुकेचढ़ गए, चढ़ गए ….हाथ मिलाये , हाथ मिलाए …हाथ हिलाए , हाथ हिलाएप्लेन में अब घुसे ..घुसे …..घुस गए , घुस गए ….बैठ गए बैठ गए …..गए गए गए …उड़ गए…..उधिया गए …….
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यक्षकिसी जवान लडके से मिलते ही लोग ये क्यों पूछते हैं कि कुछ करते धरते हो कि नही ….
युधिष्ठिरकरना धरना कलियुग का मुहावरा है ऐसा माना जाता है कि जब तब तक कोई कुछ धरे नही , तब तक कुछ भी करना , करना नही माना जाता ….यह नए जमाने की मस्लहत है …….
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यक्ष दालों के दाम इतनी तेज़ी से क्यों बढ़ रहे हैं ? अब लोग रोटी दाल कैसे खायेंगे ?
युधिष्ठिर तो क्या हुआ , किस डाक्टर ने कहा है कि रोटी बिना दाल के नही खाई जा सकती | रोटी घी-नमक लगा कर , मक्खन के साथ , दूध के साथ , सब्जी के साथ भी तो खाई जा सकती है | दाल का महंगा होना देश के हित में है | यह सरकार द्वारा अच्छे दिनों का जमीनी अहसास कराने की पालिसी के तहत हो रहा है | इसमें चिंतित होने वाली कोई बात नहीं है | जब तक लोगों को दाल उपलब्ध होती रहेगी तब तक लोगों को उसमे कुछ न कुछ काला दिखता रहेगा | न रहेगी दाल न दिखेगा काला | जिन दिनों दाल में कुछ काला न दिखे समझ लो कि बस् अच्छे दिन आ गए …….
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यक्ष – ढोल …..दूर से ही सुहाने क्यों लगते है ?
युधिष्ठिर – क्योंकि पास होने से ये पर्दाफाश हो जाता है कि ये सुहानी आवाज़ किसी की खाल उतरवा कर उसे मुसलसल पीटने से पैदा हुई है……..
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यक्षआखिर मोदी जी ने बाबुल सुप्रियो में ऐसा क्या देखा कि उसे मंत्री बना दिया ?.

युधिष्ठिर हे यक्ष ! यह प्रश्न मुझसे किया ही नही जाना चाहिये | अब जबकि आपने यह प्रश्न कर दिया सो मैं बता दूं कि मैं आपकी तरह निष्ठुर और क्रूर नही हूँ , मुझे आपकी फ़िक्र है इसलिए कुछ नहीं बोलूँगा और इस प्रश्न को मुद्दा भी नहीं बनाऊंगा | बेहतर हो आप अपना अगला प्रश्न करें …….क्योंकि …
यह प्रश्न …उसी तरह यक्ष प्रश्न होने की अहर्ता नहीं रखता …जैसे बाबुल सुप्रियो केन्द्रीय मंत्री होने की ….
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यक्ष श्रद्धांजलि क्या होती है ? आंबेडकर साब को इतनी जोर-शोर से श्रद्धांजली देने की होड़ क्यों मची है?
युधिष्ठिरकिसी का काम तमाम हो जाने पर की जानी वाली आवर्ती क्रिया को श्रद्धांजलि कहते हैं | सामान्यतया श्रद्धांजलि अंजुरी में फूल रख अर्पित करने का कर्मकांड होता है परन्तु जिसके आचार विचार और स्मृति को फुल और फाइनल करना होता है उसे तोपों की सलामी दी जाती है | फुल एंड फाइनल करना ही तोप का कर्तव्य है | वैसे फूलों की श्रद्धांजलि इस सलामी के पहले और बाद भी बदस्तूर जारी रह सकती है , ऐसा श्रद्धांजलि के शास्त्रों में वर्णित है | शास्त्रों के अनुसार , शाख से टूटे हुए फूल कुछ ही घंटों में मुरझा अपनी सुरभि और सौन्दर्य दोनों खो देते है | श्रद्धांजलि का अभीष्ट भी यही होता है | आंबेडकर साब को अम्बेडकरवादी पार्टियां पहले ही तोपों की सलामी दे चुकी हैं | जो अब तक नही दे पाए थे वे अब इसी फाइनल असाल्ट की तैयारी में लग गए है …..ताकि बाबा साहेब को श्रन्द्धाजलि देने का बचा हुआ कर्तव्य पूरे जोर से और पूरे शोर से वे भी निभा कर अपने कर्तव्य और बाबा साहेब दोनों की इतिश्री कर सकें …
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यक्ष आत्मा को देह किस मेथड से अलाट की जाती है, इस मामले में इश्वर की अलाटमेंट पालिसी क्या है?
युधिष्ठिर लाटरी सिस्टम से ……….
यक्षतो पूर्व जन्म के अच्छे और बुरे कर्मों को कैसे फैक्टर इन करते है ?
युधिष्ठिर यह फैक्टर किसी भी जीवित आदमी के लिए नान इशू है , क्योंकि कोई अलाटमेंट गलत हुआ या सही, इसे प्रूव करने के लिए इविड़ेंस पूर्व जन्म से ही कलेक्ट किया जाएगा और अदालतों में ऐसा कोई इविडेंस एड्मिसिबिल नहीं होता …….
यक्ष – क्या तुम पुनर्जन्म , पूर्वजन्म , जन्मांतर सम्बन्ध के सिद्धांत को मानते हो ?
युधिष्ठिर – जी नही , जो सिद्धांत इस जन्म में प्रूव न किये जा सकें मैं उन्हें नही मान सकता …
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 …..जारी

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  1. excellent, magnificent, wonderful, glorious, marvellous, brilliant, supreme, consummate, outstanding, prodigious, dazzling, remarkable, formidable, fine, sterling, first-rate, first-class, of the first water, of the first order, of the highest order, premier, prime, unsurpassed, unequalled, unparalleled, unrivalled, unbeatable, peerless, matchless, singular, unique, transcendent, best, greatest, worthiest, pre-eminent, perfect, informal crack, ace, stellar, wicked, supercalifragilisticexpialidocious; badass……

  2. बहुत ही सुंदरता और शालीनता से विगत दाे सालाे का लेखा जाेखा की प्रस्तुति है. पंकज भैया काे धन्यवाद

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