जमैका से आकर अमेरिका में बस जाने वाली 52 वर्षीय अश्वेत ऐक्टिविस्ट कवि क्लॉडिया रैंकिन की पिछले साल पाँचवी किताब आई है “सिटीजन : ऐन अमेरिकन लीरिक” जिसे न सिर्फ़ नेशनल बुक क्रिटिक्स अवार्ड से सम्मानित किया गया बल्कि बुद्धिजीवियों और पाठकों की भरपूर प्रशंसा भी मिली। इस किताब को लिखने की प्रेरणा उन्हें पिछले कुछ सालों में अमेरिका में गोरों के बीच अश्वेतों को लेकर बढ़ रही असहिष्णुता,घृणा और हिंसा की प्रवृत्ति है। माइकेल ब्राउन हो या एरिक गार्नर,सेरेना विलियम्स हो या जिनेदिन जिदान या फिर टाइगर वुड्स — इन सेलिब्रिटीज़ के साथ रंगभेदी बर्ताव किये जाने को लेकर रैंकिन बेहद मुखर हैं पर अपनी नयी किताब में वे अमेरिकी समाज में अश्वेतों के प्रति जिस घृणा को दस्तावेज़ी तौर पर रेखांकित करती हैं उसको वे “माइक्रो एग्रेशन” नाम देती हैं। इसी संकलन से रैंकिन की एक कविता प्रस्तुत है।
जगह बनाना
ट्रेन में खड़ी स्त्री आपको फ़ौरन समझा देती है कि बैठने के लिए सीट खाली नहीं है ….
हाँलाकि सीट खाली है – एक सीट।
क्या इस स्त्री को अगले स्टेशन पर उतरना है ?
बिलकुल नहीं , उसको आख़िरी यूनियन स्टेशन तक जाना है …
और वह भी ऐसे ही खड़े खड़े।
सामने बैठे आदमी के बगल की जगह वैसे ही खाली है
जैसे बातचीत के बीच अक्सर चुप्पियाँ आकर बैठ जाती हैं
और तुम उसको भरने की कोशिश करने लगते हो।
तुम उस स्त्री के मन में बैठे भय को कुचल कर आगे बढ़ जाते हो
उस भय को जो वह इतनी देर से तुम्हारे साथ साझा करती आ रही है
तुम हो कि उस भय को वैसे ही दुबक कर बैठे रहने देते हो उसके मन के अंदर ….
इस बीच दूसरा आदमी छोड़ देता है अपनी सीट
कि काफ़ी देर से खड़ी आ रही स्त्री बैठ जाये
तुम घूरते हो उस ढ़ीठ आदमी को ….
जो अपलक देखता जा रहा है खिड़की से बाहर
जैसे निहार रहा हो कालापन।
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अगस्त 2014 में फर्गुसन में माइकेल ब्राउन को किसी अन्य अपराधी से शक्ल सूरत मिलने का बहाना बना कर गोरे पुलिस वालों द्वारा गोली मारे जाने की घटना के सन्दर्भ में क्लॉडिया रैंकिन ने निम्नलिखित (गद्य) कविता लिखी। इस मौत के दो महीने बाद रैंकिन स्वयं वहाँ गयीं और बेहद मार्मिक पर आक्रोशित संस्मरण लिखा।
रोशनी के फ़्लैश … साइरन … देर तक खिंचा जाता कोलाहल …
तुम वह नहीं हो जिसकी तलाश है
पर उसके हुलिये में फिट हो जाती है तुम्हारी सूरत
कोई अदद शख़्स तो होगा ही बेशक इस धरती पर
जिसका मिलता जुलता हो उस से हुलिया
बाहर निकलो ,खड़े हो … ज़मीन पर ठीक से खड़े हो।
हो सकता है मेरी कार लिमिट से बाहर जाकर दौड़ रही हो ….
नहीं, तुम्हारी कार ज्यादा तेज़ नहीं थी।
अच्छा तो मैं तेज़ ड्राइव नहीं कर रहा था ?
नहीं , पर साफ़ साफ़ बताओ
तुमने सचमुच कुछ गलत नहीं किया ?
फिर आप मुझे इस तरह घसीट क्यों रहे हैं ?
आखिर किस जुर्म में इस तरह घसीटा जा रहा है मुझे ?
अपने हाथ वहाँ रखो जहाँ से हमें साफ़ दिखायी दें
हाँ ,हवा में लहराओ …. अपने हाथ हवा में
उठाओ … अपने दोनों हाथ उठाओ।
इसके बाद तुम्हें खींच लिया जाता है बोनट पर
मुक्के मार मार कर फिर धक्के से फेंक दिया जाता है
ज़मीन पर , नीचे।
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