युद्ध के दिनों में कवि होने का क्या मतलब होता है
युद्व के दिनों में कवि होने का
क्या मतलब होता है?
इसका मतलब होता है कि
वह सिर झुकाए क्षमाप्रार्थी हो
तुम्हें क्षमा मांगनी होगी बार बार
आग के हवाले कर दिए गए पेड़ों से
घोंसलों से मरहूम परिंदों से ले कर
जमींदोज़ कर दिए गए घरों तक से
सड़क के बीचोंबीच उभर आई दरारों से
मौत के मुंह में झोंक दिए गए बच्चों से
और सबसे पहले उन मांओं से
जो मृत बच्चों के लिए शोक संतप्त हैं
या मार डाली गई हैं।
युद्व के दिनों में सुरक्षित होने का
क्या मतलब होता है?
इसका मतलब होता है
अपनी मुस्कुराहट पर शर्मसार होना
अपनी प्रफुल्लित गर्मजोशी पर
अपने साफ़ सुथरे कपड़ों पर घिन आना
अपनी उबासी पर
अपनी कॉफी के प्याले पर
अपनी प्रेमिकाओं की मदहोशी भरी नींद
साफ़ पानी पी पी कर तृप्ति से डकारने
जी भर कर नहाने की अय्याशी पर
शर्म से नज़रें झुका लेना
और यह अनायास नहीं कि
ये सारी सहूलियतें तुम्हारे पास उपलब्ध हैं
इस लिए अपने किए पर लज्जित होना
खुद पर थू थू करना।
या खुदा
मैं ऐसा कवि बनने को
बिल्कुल ही तैयार नही हूं
मैं इनकार करती हूं
युद्ध के दिनों में।
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