अपने शीर्षकों में ही अनोखी नज़र आने वाली इन कविताओं का चयन, अनुवाद और प्रस्तुति यादवेन्द्र की है।
1 +1 =1
स्त्री के पास नहीं थे मोज़े
सो उसके उठाये और पहन लिए
अब कम पड़ गए उसके मोज़े…..
तो स्त्री गयी बाजार
और खरीद लायी उसके लिए नए मोज़े।
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1 +(1 +1 -1 )=2
नौजवान स्त्री ने
प्रेमजाल में फाँस लिया बूढी स्त्री का बरसों पुराना प्रेमी
तिरस्कृत प्रेमिका ने खुद को दिलासा दिया
हम दोनों एक समान ही हैं…
बस, मौसम बदल गए।
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1 +1 >2
स्त्री बोली मैं तुम्हें प्यार करती हूँ
चाहे तुम बांधे रहो अपनी टाई
उसने कहा मै भी तुम्हें प्यार करता हूँ
हाँलाकि जानता हूँ
तुम्हें बिलकुल नहीं पसंद मेरी टाई।
***
कनाडा की राजधानी ओट्टावा में रहने वाली अदेले ग्राफ की अनेक कवितायेँ प्रकाशित हैं। यह कविता कनाडा की साहित्यिक पत्रिका रूम मैगजीन से साभार ली गयी है-
यादवेन्द्र
अच्छी कविताएं, ताज़ी. आभार.
शीर्षक सचमुच अच्छे हैं…कविताओं के लिए तो कहना क्या।
सुन्दर ! विशेष कर दूसरा वाला
sunder kavitao ke liye medam adel graf ka shukariyaa aur anuwad ke liye yaadvendra jee kaa aabhar !
स्त्री मन ! अच्छी लगीं सभी ..शुक्रिया