मेरा जीवन तीन चौथाई स्मृतियों से बना है और एक चौथाई उम्मीदों से
तीन चौथाई में भी दोस्त एक चौथाई में रहते हों शायद दूसरी कई सारी चीज़ों के साथ
हो सकता है दूसरी चीज़ें कबाड़ लगती हों उन्हें
और कबाड़ छांटते हों मेरी स्मृतियों का
पुराने दोस्त
मुझे भिन्न पसन्द नहीं थी गणित में और इस तरह एक भिन्न में रहते हुए अभिन्न होते जाते हैं पुराने दोस्त
पुरानी नदियां पुराने तारे पुरानी रातें पुराने गांव पुरानी गलियां पुरानी हवाएं पुराने स्वप्न पुरानी चीज़ें
पुराने लोग पुराने शब्द पुरानी कविताएं पुराने चित्र
खरी पुरानी ईंटों में बजते हुए पुराने घर
पुराने दोस्तों के साथ
पुराना
और पुराना हो जाता है
नए दिनों की नई आंखों में भी आते हैं
पुराने ही आंसू
पुराने आंसुओं में डबडबाते हैं पुराने दोस्त
वे पुराने तैराक भी हैं
पुराने दिन और पुरानी लड़ाइयां पुरानी नहीं रहतीं
पुराने नहीं रहते पुराने दोस्त !
***
(योगेश पान्थरी, सुरेश पान्थरी, धनेश पान्थरी, अनिल रावत, प्रताप मनराल, रामकृष्ण मुण्डेपी, टीकाराम पोखरियाल, देवेन्द्र कुण्डलिया, सुरेन्द्र बहुखण्डी, गुड्डी दी, हेमू, और किट्टू के लिए)
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वाह ! कमाल की पंक्तियाँ लिखी है! पुराने दोस्त याद आने लगे !
bahtu khub
मेरा जीवन तीन चौथाई स्मृतियों से बना है…. वाह शिरीष वाह । हमे भी पुराने कई दोस्त याद आ गये ।
अंशु की एक कविता में उसने लिखा है कि 'बिना दोस्तों के कोई नास्तिक तो हो ही नही सकता'
सच में उनसे क़ीमती कोई नहीं…आभार इस कविता को पढ़वाने के लिये…इसे प्लीज़ जनपक्ष पर भी लगा दीजिये
अद्भुत शिरीष
नया नौ दिन, पुराना सौ दिन …
जो रोया पुराने को रोया,
''old is gold",
यादें दौलत हैं ,
अमीर या ग़रीब
क़रीब -क़रीब जिनकी बदौलत हैं
सच में, अच्छा लगा लिखा आपका ……
ओह !!
क्या पोस्ट है ….
दोस्तों के बिना तो मै जीवन की कल्पना ही नही कर सकती …..स्मृतियों की सघनता तभी होगी जब आपके पास सच्चे दोस्त होंगे ,और आपके पास सच्चे दोस्त तभी होंगे जब आप बिना किसी स्वार्थ के उनसे जुड़े होंगे ….और ईमानदार होंगे । सुंदर कविता ।
पुराने दोस्तों के साथ हम नये दोस्तों के लिए भी एक कोना सुरक्षित रखना…. कल हम भी पुराने दोस्त होंगे.