कविता: कवि-तान: कविता- न !: क-वितान – समकालीन प्रहसन का लेखा : अमित श्रीवास्तव
‘कविता लिखने के लिए कवि होना ज़रूरी नहीं। ’ ये ब्रह्म वाक्य मुझे एक ‘कविता: कल, आज, कल और परसों’ नामक भ्रामक गोष्ठी के दौरान
‘कविता लिखने के लिए कवि होना ज़रूरी नहीं। ’ ये ब्रह्म वाक्य मुझे एक ‘कविता: कल, आज, कल और परसों’ नामक भ्रामक गोष्ठी के दौरान
राजीव ध्यानी की कविताएँ मैंने पहली ही बार फेसबुक पर देखीं। मालूम हुआ कि 1995 में उनका संग्रह अकसर कागज़ नाम से आया था। इन
हमारे वक़्त के ये यक्ष-युधिष्ठिर संवाद, जिन्हें इन्हीं में से चुराकर मैंने ऊपर एक शीर्षक दे दिया है। यक्ष पूछता है – क्या तुम मेरे
अगस्त 2014 के पूर्वार्ध में सेंट लुइस के अश्वेत बहुल फर्गुसन में 18 वर्षीय अश्वेत नौजवान माइकेल ब्राउन की एक गोरे पुलिस ऑफिसर डेरेन विल्सन ने दिन दहाड़े गोली मार
महाभूत चन्दन राय द्वारा फेसबुक पर लगाई जा रही इन कविताओं पर निगाह पड़ते ही ठहर गई। मैंने उनसे अनुनाद के लिए इन्हें मांगा और
राजा बोला रात है रानी बोली रात है मंत्री बोला रात है संत्री बोला रात है यह सुबह-सुबह की बात है
द पीस पोएट्स के ल्यूक नेफ्यू का यह प्रतिरोध गीत पिछले कई महीनों से अमेरिका के अश्वेत बहुल इलाकों में आजकल अक्सर सुनायी देता है
गंदे पोस्टकार्ड अविनाश मिश्र मेरी एकांतप्रियता का जन्म तब हुआ जब लोगों ने मेरी वाचाल त्रुटियों की प्रशंसा प्रारंभ की और मूक गुणों की निंदा…
शायक की दस कविताएं पहले अनुनाद पर लग चुकी हैं। शायक के मुहावरे में कोई फेरबदल तब से कमोबेश नहीं हुआ है और मुझे यह
कृष्णकांत पहली बार अनुनाद पर हैं। इस नई विचारवान प्रतिभा का यहां स्वागत है। वह समाज और साहित्य में प्रतिबद्धता के साथ लगातार चलती एक