अनुनाद

एक अख़बार की कहानी/लेखक-ओ.हेनरी अनुवाद -योगेश ध्‍यान‍ी


सुबह 8 बजे ताजा अखबार ग्यूसेप्पी के समाचार-स्टैंड पर पड़ा था, उस पर अभी भी छपाई का गीलापन था। ग्यूसेपी अपनी आदत के अनुसार दूसरे कोने पर टहलने लगा। उसने ग्राहकों को स्वयं अपनी मदद करने के लिये छोड़ दिया था क्योंकि वह जानता था अखबार में लोग लम्बे समय तक डूबे रहते थे।

यह अखबार अपने सिद्धांत और रूप-रंग के अनुसार एक शिक्षक, मार्गदर्शक, पर्यवेक्षक, विजेता और एक सलाहकार था और इसके साथ ही विवरण-पुस्तिका भी। इसकी अनेक विशेषताओं में इसके तीन संपादकीय लेखों को चुना जा सकता है। 

इनमें से एक अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सरल किन्तु ज्ञानवर्धक भाषा मे था तथा इसमें बच्चों को दिये जाने वाले शारीरिक दंड की आलोचना की गई थी।

दूसरा संपादकीय एक बदनाम मजदूर नेता को संबोधित आरोपात्मक और ज़रूरी चेतावनी थी जो अपने ग्राहकों को एक मुसीबत भरी हड़ताल के लिए उकसाने की फिराक़ में था।

 तीसरे संपादकीय लेख में एक स्पष्ट मांग थी कि पुलिस बल को हर तरह का सहयोग दिया जाए जिससे सार्वजनिक संरक्षक और सेवक के रूप में उसकी दक्षता में इजाफा हो।

इन चेतावनियों और मांगों के अलावा दिल से दिल कॉलम के सम्पादक द्वारा अच्छे नागरिक बनने के तरीके सिलसिलेवार रूप मे दिये गये थे। जैसे इसमें एक युवक के द्वारा अपनी प्रेमिका के जिद्दी होने की शिकायत पर बताया गया था कि वह कैसे उसका दिल जीत सकता है। फिर, सौंदर्य पृष्ठ पर, एक युवा जिज्ञासु महिला के सवाल का संपादक द्वारा दिया गया जवाब था, जिसने चमकदार आंखों, गुलाबी गालों और सुंदर चेहरे की सुरक्षा के लिए सलाह मांगी थी।

एक दूसरी चीज़ जिसमे किसी खास व्यक्ति के लिए कुछ व्यक्तिगत बात लिखी थी, इस प्रकार थी: 

प्रिय जैक:–मुझे माफ़ कर दो। तुम ठीक कह रहे थे। आज सुबह 8.30 बजे मैडिसन पर मुझसे मिलो। हम दोपहर को चले जायेंगे। 

तुम्हारी अपराधी।

8 बजे थकान के पीलेपन से भरी आँखों वाले एक अस्त-व्यस्त युवक ने ग्यूसेप्पी के स्टैंड के पास से गुज़रते हुए एक पैसा गिराया और सबसे ऊपर रखा अखबार उठा लिया। रात को नींद न आने के कारण वह देर से उठा था। उसे नौ बजे तक ऑफिस पहुँचना था, और इसी बीच दाढ़ी बनानी थी और जल्दी से एक कप कॉफी पीनी थी।

वह नाई की दुकान पर गया और फिर तेजी से अपने रास्ते पर बढ़ गया। अखबार को दोपहर खाने के वक्त पढ़ने के इरादे से उसने अपनी जेब मे रख लिया। अगले मोड़ पर अखबार उसकी जेब से गिर गया, जिसमें उसके नए दस्ताने भी थे। वह तीन ब्लॉक तक गया लेकिन उसे दस्ताने नही मिले और वह गुस्से में वापस लौट आया।

ठीक आधे घंटे बाद वह उस मोड़ पर पहुँचा जहां दस्ताने और अखबार रखे थे। लेकिन उसने आश्चर्यजनक तरीके से उन चीजों को अनदेखा कर दिया जिसकी तलाश मे वह यहाँ आया था। उसने दो छोटे हाथों को कसकर पकड़ा हुआ था और वह पश्चाताप से भरी दो भूरी आँखों में देख रहा था। उसके दिल में खुशी का माहौल था।

प्रिय जैक,” उसने कहा, “मुझे पता था तुम वक्त पर आ जाओगे।”

पता नहीं इस बात से उसका क्या मतलब है,” वह स्वयं से कह रहा था; “फिर भी यह सब ठीक है…बिल्कुल ठीक।”

 पश्चिम से चली तेज़ हवा ने फुटपाथ से अखबार को उड़ाकर और खोलकर साइड स्ट्रीट की तरफ उछाल दिया। उस गली मे वही युवक घोड़े से बंधी एक मकड़ी आकार के पहियों वाली बग्घी चला रहा था जिसने अखबार में दिल से दिल स्तम्भ के संपादक से अपनी प्रेमिका का दिल जीतने के लिए सलाह मांगी थी।

तेज़ हवा मे फड़फड़ाते हुए अखबार ने उड़कर घोड़े के चेहरे को ढक लिया। घोड़े के अनियंत्रित होकर गिरने के कारण लाल रंग की एक लकीर चार ब्लॉक तक फैल गयी थी। तब एक पानी के फव्वारे ने अपना फर्ज निभाया। बग्गी टूट चुकी थी और सवार एक भूरी हवेली के सामने डामर पर चुपचाप बैठा हुआ था जहां वह बग्घी के लड़खड़ाने की वजह से पंहुचा था।

वे तुरंत बाहर आए और उसे अंदर ले गए। और उन सबमें एक लड़की थी जिसने उसका सिर अपनी गोद मे रख लिया था, और जिसे किसी भी घूरती नज़र की परवाह नही थी, उसने झुकते हुए कहा, “ओह, यह तुम थे; हर समय तुम ही थे, बॉबी! क्या तुम इसे देख नही सकते थे? और अगर तुम मरते हो, क्यों, तो मुझे भी मर जाना चाहिए, और–…..”

लेकिन इस बीच हमें अपने अख़बार की खबर लेनी चाहिए। 

पुलिसकर्मी ओब्राइन ने उड़ते हुए अखबार को यातायात के लिए खतरा मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। अपनी बड़ी और धीमी उंगलियों से उसके बिखरे हुए पन्नों को सीधा करते हुए, वह शैंडन बेल्स कैफे के प्रवेश द्वार से कुछ फीट की दूरी पर खड़ा था। उसने एक समाचार के शीर्षक को बड़े नीरस ढंग से बोलते हुए पढ़ा: “पुलिस की सहायता मे अखबार अग्रणी हैं।” 

लेकिन, ख़ामोश ! दरवाज़े की दरार से मुख्य बारटेंडर डैनी की आवाज़ आई : “यहाँ तुम्हारे लिए एक घूंट है, माइक, बूढ़े आदमी।”

अखबार के प्रचलित, दोस्ताना स्तंभों के पीछे से पुलिसकर्मी ओब्राइन असली आनंद का घूंट लेता है। वह साहसी, तरोताज़ा और मज़बूत होकर अपनी ड्यूटी पर बढ़ता है। क्या संपादक उस आत्मिक और शब्दशः सच होते परिणाम को नही देख सकता जो उसके लिखे को इस समय साकार जी रहा है।

पुलिसकर्मी ओब्राइन ने अखबार को मोड़ा और उसे वहाँ से गुज़र रहे एक छोटे लड़के की बांह के नीचे खेल-खेल में फंसा दिया। उस लड़के का नाम जॉनी था और वह अख़बार को अपने साथ घर ले गया। उसकी बहन का नाम ग्लेडिस था,और उसने अखबार के सौंदर्य संपादक को पत्र लिखकर सुंदरता की व्यावहारिक कसौटी के बारे में पूछा था। यह कुछ सप्ताह पहले की बात है, और अब तो उसने उत्तर की तलाश करना भी बंद कर दिया था। ग्लेडिस एक कमज़ोर लड़की थी, उसकी आँखें सुस्त थीं और चेहरे पर असंतोष था। वह ब्रेड लाने एवेन्यू तक जाने के लिए कपड़े पहन रही थी। अपनी स्कर्ट के नीचे उसने जॉनी द्वारा लाए अखबार के दो पन्ने पिन से फंसा दिये। जब वह चल रही थी तो फड़फड़ाहट की आवाज बिल्कुल असली रेशम की आवाज़ की तरह आ रही थी।

सड़क पर उसकी मुलाकात नीचे वाले फ्लैट की भूरी लड़की से हुई और वह बात करने के लिए रुक गई। भूरी लड़की अचरज से हरी हो गई। केवल 5 डॉलर प्रति गज का रेशम ही वैसी आवाज़ कर सकता था जो उसने ग्लेडिस के हिलने पर सुनी थी। भूरे रंग की लड़की ने ईर्ष्या से कुछ द्वेषपूर्ण बात कही और होंठ भींचकर अपने रास्ते चली गई।

ग्लेडिस एवेन्यू की ओर आगे बढ़ गई। उसकी आँखें अब हीरे की तरह चमक रही थीं। गालों पर एक गुलाबी फूल खिल गया था ; एक विजयी, कोमल और जीवंत मुस्कान ने उसके चेहरे को बदल दिया था। वह खूबसूरत थी। काश तब सौंदर्य संपादक ने उसे देखा होता! मेरा मानना है कि अख़बार में दिये उसके उत्तर में उसने सामान्य रूप को आकर्षक बनाने के लिए हृदय मे दूसरों के प्रति दयाभाव रखने के बारे में कुछ लिखा था।

जिस मजदूर नेता के खिलाफ अख़बार के महत्वपूर्ण और प्रभावशाली संपादकीय में निषेधाज्ञा दी गई थी, वह ग्लेडिस और जॉनी का पिता था। उसने उस अख़बार के अवशेष उठाये जिससे ग्लेडिस ने रेशमी आवाज़ का लिबास तैयार किया था। संपादकीय उसकी नज़रों में नहीं आया, बल्कि इसके बजाय उसका स्वागत अखबार मे दी गयी उन आसान और ख़ास पहेलियों में से एक ने किया, जो साधारण से साधारण व्यक्ति और सन्त तक को भी अपने मोह मे बांध लेती हैं। 

मजदूर नेता ने आधा पन्ना फाड़ लिया, खुद को मेज, पेंसिल और कागज उपलब्ध कराया और पहेली हल करने में मगन हो गया।

तीन घंटे बाद, तय स्थान पर उसका व्यर्थ इंतजार करने के बाद, दूसरे अधिक रूढ़िवादी नेताओं ने मध्यस्थता के पक्ष में फैसला सुनाया, और हड़ताल अपने खतरों के साथ टल गई। बाद के संस्करणों मे हड़ताल से पहले किये गये मजदूर

 नेता के मंसूबों के भंडाफोड़ को अखबार मे रंगीन स्याही से दर्शाया गया।

अख़बार के बाकी पन्नों ने भी वफादारी से अपनी ताकत को साबित किया ।

जब जॉनी स्कूल से लौटा तो उसने एक एकांत खोजा और अपने कपड़ों के अंदर वहाँ-वहाँ से अख़बार के गायब स्तंभों के कटे हुए कागजों को निकाला, जहां उन्हें चतुराई से शरीर के अलग-अलग स्थानों पर रखा गया था ताकि ऐसे स्थानों की सफलतापूर्वक रक्षा की जा सके, जहां आम तौर पर स्कूल मे दंड के दौरान पिटाई की जाती है। जॉनी एक निजी स्कूल में पढ़ता था और अपने शिक्षक से परेशान था। जैसा कि बताया गया है, अख़बार के उस सुबह के अंक में शारीरिक दंड के ख़िलाफ़ एक बेहतरीन संपादकीय था, और इसमें कोई संदेह नहीं कि उसने अपना काम किया था।

इसके सबके बाद क्या कोई प्रेस की ताकत पर संदेह कर सकता है?

कहानी का लिंक:

https://short-edition.com/en/classic/story/o-henry/a-newspaper-story

 

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