अनुनाद

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कविता

उनकी माँग में तुम्हारी भलाई भी शामिल है…-इंडोनेशियाई साहित्यकार एगुस सर्जोनो की कविता – चयन एवं अनुवाद / यादवेंद्र

1962 में बांडुंग में जन्मे एगुस सर्जोनो  इंडोनेशिया के प्रमुख कवि, लेखक और नाटककार हैं, जिन्होंने इंडोनेशिया के साहित्य का अध्ययन और बाद में अध्यापन किया। उनकी रचनाओं

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कविता

तुम में मैं पाता हूँ दुःख और आनंद दोनों ही/रूसी कवि रसूल हम्ज़ातोव की दस कविताएं- चयन एवं अनुवाद – श्रीविलास सिंह

रसूल हम्ज़ातोव का जन्म 1923 में रूस के दागिस्तान इलाके में हुआ था। उनकी शिक्षा दीक्षा मास्को में हुई। उन्होंने साहित्य लेखन की शुरुआत रुसी

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कविता

उन्होंने ही किया सर्वाधिक दोहन भरोसे का, जिनकी शिराओं में सभ्यताओं की रसोई का नमक घुला था – शालिनी सिंह की कविताएं

शालिनी सिंह की कविताएं 90 के दशक से साहित्य में उद्भूत स्त्री-अस्मिता की ओर इशारा करती हैं, किन्तु ये अपने कथ्य और कहन में बिल्कुल

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हम बंड थे किसी हांडी में पके ही नहीं- डोगरी कवि दर्शन दर्शी की कविताएं: अनुवाद एवं चयन- कमल जीत चौधरी

     स्वीकारोक्ति           कटोरी में समुद्र अंजलि में पृथ्वी सजाकर  मैं बहुत खुश था अपने आप को एक मीर समझता था।

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कविता

विजेता इतिहास का निर्माण करेंगे और हारे हुए रचेंगे कविता – मलेशियाई कवि जुरीनाह हसन की कविताएं / चयन एवं अनुवाद – यादवेन्द्र

73 वर्षीय जुरीनाह हसन (हनीरुज उपनाम) मलेशिया की सबसे प्रतिष्ठित कवि कथाकारों में शामिल हैं और देश की पहली स्त्री राष्ट्रकवि (नेशनल लॉरिएट) हैं। बचपन

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सपना इतनी दूर कभी न लगे जितनी यह दुनिया- सीमा सिंह की कविताएं

सीमा सिंह की कविताएं प्रेम, प्रतीक्षा, स्वप्न, पीड़ा और इच्छाओं के अछोर विस्तार में खड़ी कविताएं हैं। इस विस्तार में उनसे पहले भी एक समूची

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जिन सड़कों से गुजरता हूं – शंकरानंद की कविताएं

शंकरानंद समकालीन हिन्‍दी कविता के सम्‍मानित और सुपरिचित रहवासी हैं। उनकी ये कविताएं समाज और राजनीति में इधर बहुप्रसारित ‘सूची’बद्ध प्रकाश के बीच अवस्थित नागरिक

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कोंपलें नहीं फूट रहीं – डोगरी कवि ध्‍यान सिंह की कविताएं : अनुवाद एवं प्रस्‍तुति – कमल जीत चौधरी

डोगरी के कवि ध्‍यान सिंह की पंक्ति कोंपलें नहीं फूट रहीं , महज कविता की नहीं, सामाजिक जीवन और उसकी दशा-दिशा की भी टीस बनकर

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कविता

रोने से शरीर का अशुद्ध जल बाहर निकल जाता है – अनुष्‍का पाण्‍डेय की कविताएं

अनुष्का पाण्डेय की कविताएँ सीधे-सरल संसार के उतने ही सरल प्रश्‍नों से निकलती-उलझती कविताएं लगती हैं, किन्‍तु यह भी याद दिलाती चलती हैं कि हर

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