जागर- लोक की स्मृतियाँ और स्मृतियों में लोक – अंजलि नैलवाल
जब मनुष्य घर के पास नहीं होता तो कोई न कोई कारण देकर घर उसे अपने पास बुला लेता है और
जब मनुष्य घर के पास नहीं होता तो कोई न कोई कारण देकर घर उसे अपने पास बुला लेता है और
“ पंडित शाङ्ग॔देव द्वारा वर्णित उत्तम वाग्गेयकार के रूप में पंडित कुमार गन्धर्व का स्थान ” १३ वीं शताब्दी
कमल दा से तीन-चार मुलाक़ातें थीं पर परिचय बहुत पुराना था। साथ उनकी यायावरी के कई क़िस्से थे। वे अचानक चले
राष्ट्रवाद राष्ट्रीय उन्माद का रूप धारण करे इससे पहले इस अवधारणा की उत्पत्ति के सांस्कृतिक आधार और इतिहास पर दृष्टिपात करना
सुबोध शुक्ल सुपरिचित आलोचक हैं। उनका लेखन हिंदी के इलाक़े में एक नई उम्मीद की तरह है। हमारे अनुरोध पर उन्होंने बेट्टी फ्रीडन
कपिलेश भोज अनिल कुमार कार्की के अनुनाद पर छपे आलेख से हमने लोकभाषाओं की ओर एक नई राह खोली है। लोकधर्मी
व्योमेश शुक्ल समकालीन हिंदी कविता और आलोचना का सुपरिचित नाम है। कम लोग जानते हैं कि वे रंगकर्म में भी गहरी
इस वीडियो में गिर्दा होली नहीं गा रहे हैं …ये उनका अलग गीत है पर उनकी याद दिनों दिन बढती ही
आज प्रख्यात गीतकार-संगीतकार भूपेन हजारिका का देहान्त हो गया। उनके अब तक आ चुके कई जनगीत अतीत की कहानी आप कहते हैं। यू
आज का दिन बहुत घटनाप्रधान है ! अभी मुझे आसमान से टपकी हुयी किसी अनमोल सौगात जैसी कवि चंद्रकांत देवताले की