प्रदीप अवस्थी की कविताएं
अनुनाद जिन युवाओं में गहरी उम्मीद देखता है, प्रदीप अवस्थी उनमें से एक हैं। यह देख पाना भी सुखद है कि
अनुनाद जिन युवाओं में गहरी उम्मीद देखता है, प्रदीप अवस्थी उनमें से एक हैं। यह देख पाना भी सुखद है कि
अरुण देव हमारे वक़्त के दुश्चक्रों से लड़ने वाले कवि हैं। उनकी कविता देश के कठिन समय में संविधान की प्रस्तावना
राकेश रोहित हमारे समकाल के प्रमुख कवि के रूप में उभरे हैं। अनुनाद के वे पुराने साथी हैं, उनकी कविताएं कई
उपासना झा ने इधर अपनी कविताओं से एक मौलिक पहचान हिंदी-जगत में बनाई है। हिंदी के कुछ महत्वपूर्ण ब्लाग्स पर उनकी
संदीप तिवारी नौउम्र विद्यार्थी हैं। संयोग है कि मेरे ही निर्देशन में पी-एच.डी. के लिए एनरोल्ड हैं। संदीप की कुछ कविताएं
वीरू सोनकर की कविताएं पहले भी अनुनाद पर पाठकों ने पढ़ीं हैं और उन कविताओं पर मेरी टिप्पणी भी। इस बीच
1. दर्द पके-पके-से लड़की जब भी देखती है काँच के पानी भरे ग्लास में पड़े बर्फ के चौकोर टुकड़े को उसे
ईरानी कवियित्री और ऐक्टिविस्ट नसरीन परवाज़ जेल की सज़ा भुगत चुकी हैं। मानव त्रासदी कितनी कितनी विकट होती है, फिर भी
देश के 5 राज्यों में चुनाव हैं। जनता के बीच कुछ भ्रम पहले से थे और कई इस बीच डाल दिए
इस दुनिया में रात भर जागती है कोई स्त्री इसी दुनिया में कोई कोई पागल प्रेम कर बैठता है सरल, लगभग