उसका लौटना
मैंने जाना उसका लौटनावह जो हमारे मुहल्ले की सबसे खूबसूरत लड़की थीअब लौट आयी है हमेशा के लिएशादी के तीन साल बाद वापसहमारे ही मुहल्ले
मैंने जाना उसका लौटनावह जो हमारे मुहल्ले की सबसे खूबसूरत लड़की थीअब लौट आयी है हमेशा के लिएशादी के तीन साल बाद वापसहमारे ही मुहल्ले
चारबाग़ स्टेशन : प्लेटफारम नं. 7 ‘तुम झूटे ओ’ यही कह रही बार-बार प्लेटफारम की वह बावली ‘शुद्ध पेयजल’ के नलके से एक अदॄश्य बर्तन
पसीने कीएक आदिम गंध आती है मुझसेएक पाषाणकालीन गुफा मेंखुदा मिलता हैमेरा चेहरा हज़ारों साल पुरानेकैल्शियम और फास्फोरस कासंग्रहालय बन जाती हैंमेरी अस्थियांभाषा के कुछ
(इस कविता को वेणुगोपाल के लिए भी मेरी एक श्रद्धांजलि मानें , जो कुमार विकल के समानधर्मा कवि थे।) सभी कुछ रंगीन था जब तुम
( हमारे कबाड़खाने से ये फोटो, उनकी, जिन्हें ये कविता संबोधित है …. इसे विश्व पुस्तक मेले में खेंचा गया ) जब से तुम्हारी दाढ़ी
(यह थमा हुआ वीडियो विजुअल 2004 के अंकुर मिश्र स्मृति सम्मान समारोह से) ” कहानी में कविता कहना विष्णु खरे की सबसे बड़ी शक्ति
प्रदीपचन्द्र पांडे की ये बड़ी अर्थच्छवियों से घिरी छोटी-छोटी कविताएं एक 56 पृष्ठीय पतले-दुबले संकलन के रूप में मुझे एक पारिवारिक मित्र और प्रदीप की
आधुनिक हिंदी कविता में मुक्तिबोध के बाद के सबसे महत्वपूर्ण कवि रघुवीर सहाय इक्कीसवीं सदी में एक बार फिर बहुत ख़ास लगने लगे हैं। मैं
पहली मार्च इकहत्तर को उ0प्र0 के एक निहायत छोटे गांव में जन्मे और फिर जे0एन0यू0 में दीक्षित अनिल त्रिपाठी को आलोचना के लिए `देवीशंकर अवस्थी
कुमार अम्बुज हमारे समय के महत्वपूर्ण कवियों में एक हैं। मेरे लिए वे ऐसे अनदेखे-अनमिले-अपरिचित बड़े भाई हैं, जिनकी कविता की मैंने हमेशा ही कद्र