अदनान कफ़ील दरवेश की दस कविताएं
अदनान कफ़ील दरवेश हिंदी कविता के इलाक़े में नया नाम है। मैंने सोशल मीडिया पर उनकी दो-तीन कविताएं पढ़ीं और उनसे कविताओं के लिए अनुरोध
अदनान कफ़ील दरवेश हिंदी कविता के इलाक़े में नया नाम है। मैंने सोशल मीडिया पर उनकी दो-तीन कविताएं पढ़ीं और उनसे कविताओं के लिए अनुरोध
राकेश रोहित ने पिछले कुछ समय में निरन्तर मूल्यवान कविताएं लिखी हैं। प्रकृति के गझिन रूपकों और उदात्त मानवीय भावनाओं के बीच उनकी भाषा ने
विमलेश त्रिपाठी अनुनाद के पुराने साथी लेखक हैं। उनकी दो लम्बी कविताएं पहली बार अनुनाद पर छपीं और चर्चा में रहीं। बहुत समय बाद विमलेश
मूलत: ये अनुवाद kritya international poetry festival के लिए किए गए थे, प्रिंट में ये ‘कथादेश ‘में आए। दुष्यंत हिंदी के चर्चित कथाकार
क्या शानदार शवयात्रा थी तुम्हारी कि जिसकी तुमने जीते जी कल्पना भी न की होगी। ऐसी कि जिस पर बादशाह और मुख्यमंत्री तक रश्क करें।
अचानक कवि मंगलेश डबराल की फेसबुक वॉल पर यह निबन्ध किसी उपहार की तरह मिला। बहुत पहले संगीत की ओर बुज़र्ग मित्र अरुणोदय बनर्जी ने
नाला झरना एक समान उगना सड़ना एक समान हंसना डरना एक समान गण्डा चिमटा एक समान जीना-मरना एक शब्द है सीधा-उल्टा एक समान लाल लंगोटा
इस लेख का पहला हिस्सा पढ़ने के लिए यहां और दूसरे के लिए यहां क्लिक करें मजदूरों के जीवन स्तर के बारे में कोई नहीं
पहले हिस्से के लिए इस लिंक पर जाएं अशोक कुमार कम लिखते हैं . छपते लगभग नहीं हैं . तीन दशकों बाद 2014 में उनका
युवा कवि कमल जीत चौधरी से अनुनाद का आग्रह था कि जम्मू-कश्मीर की कविता की पड़ताल करें। उन्होंने एक लम्बा लेख उपलब्ध कराया है, जिसके