अनुनाद

कविता

जैसे नींद सुनती है सपनों को जैसे एकांत सुनता है अकेलापन/ऋतु डिमरी नौटियाल  की कविताएं 

    सिर्फ़ एक शब्‍द नहीं, कोई शब्‍द      आसमान में जब आते हैं बादल  कोरे कागज में जैसे आ जाता है शब्द 

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