अनुनाद

अनुनाद

कथेतर गद्य

शिक्षक दिवस पर मेरे प्रिय समाज-राजनीति-साहित्‍य शिक्षक की याद

मेरे प्रिय समाज-राजनीति-साहित्‍य शिक्षक अपनी उधेड़बुनों में एक अज्ञानी कई तरह से उलझता है….मैं भी उलझता हूं….अगर ये उलझनें सच्‍ची हैं

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मोनिका कुमार की एक कविता और उस पर बहस : फेसबुक विशेष

कुछ दिन पहले प्रतिलिपि ब्‍लाग पर मोनिका कुमार की कुछ कविताएं प्रकाशित हुईं। कविताओं के साथ एक लम्‍बी टिप्‍पणी भी गिरिराज किराड़ू

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कुमार अम्बुज की डायरी

१.१०.२००२ उर्वर कविताओं के अनेक डिम्ब बिखरे हैं सब तरफ़ जिज्ञासु, आतुर और श्रमशील पाठक की समझ के गतिमान शुक्राणु उसे

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