अशोक कुमार पांडे की कविताएँ
पिछले दो सालों में अशोक कुमार पांडे की कविता ने मुझे लगातार आकर्षित किया है। उनके पास मुझे ख़ास तरह की
पिछले दो सालों में अशोक कुमार पांडे की कविता ने मुझे लगातार आकर्षित किया है। उनके पास मुझे ख़ास तरह की
अमित की इस कविता को मैंने तीन विशेषण समझ बूझ कर दिए. दरअसल मैं इस कविता पर एक लम्बी टिप्पणी भी
एक प्रिज़्म, लड़ाइयों से तर यह अध्याय है विध्वंस का यह हमारा नखलिस्तान है है एक कोण जहाँ लड़ाइयाँ आपस में
अनुवाद तथा प्रस्तुति : यादवेन्द्र ग्वेंडोलिन ब्रुक्स (जून १९१७-दिसम्बर २०००)अमेरिका कि सर्वाधिक चर्चित और प्रतिष्ठित अश्वेत कवियों में एक — बचपन
बोस्निया के युद्ध की विभीषिका झेल चुके मारियो सुसको सरायेवो के रहने वाले हैं. 1993 में सरायेवो छोड़ कर अमेरिका में
राजेंद्र बिना शीर्षक की कविताएँ लिखते हैं, जिनमें एक प्रबल भावावेग निरन्तर जारी रहता है। लगता है कि ये सभी कविताएँ
अमेरिका के छोटे से गणराज्य होंदुरास को दुनिया ने जाना वहां जून में हुए दक्षिणपंथी तख्ता-पलट के बाद। कवि-लेखक-संपादक रॉबर्टो सोसा
हरेप्रकाश उपाध्याय युवा पीढी के कवियों में एक चर्चित नाम है। उन्हें २००६ का अंकुर मिश्र कविता पुरस्कार मिला है और
गोया कार से टकराते बचावह आदमी भीकार चलाती स्त्री कोदेखकर मुस्कराया गोया औरत के हाथोंमारा जाना भीकोई सुख हो***शमीम जाड़े की
*** एक पुरानी पोस्ट को फिर से लगा रहा हूँ दोस्तो……. *** (कुछ समय पहले मैंने अनुनाद पर लाल्टू को छापा