अनुनाद

कविता

फिलीस्तीनी-अमरीकी कवि सुहीर हम्माद की कविता : चयन, अनुवाद तथा प्रस्तुति : यादवेन्द्र / पहली किस्त

जार्डन के एक शरणार्थी शिविर में 1973 में जन्मी सुहीर हम्माद अपने बचपन का कुछ समय बेरूत में फिलीस्तीनी सिविल वॉर

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रात में शहर

दिन की सबसे ज़्यादा हलचल वाली जगहें हीसबसे ज़्यादा खामोश हैं अब चौराहे पर अलाव जलायेपान की दुकान के बन्द होते

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मनमोहन की कविताएँ

स्मृति में रहना स्मृति में रहना नींद में रहना हुआ जैसे नदी में पत्थर का रहना हुआ ज़रूर लम्बी धुन की

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तुषार धवल की कविताएँ

(…..अभी मैंने तुषार के कविता संकलन से सम्बंधित पोस्ट लगाई थी। आज मेल में गीत, अनुराग, गिरिराज, व्योमेश आदि दोस्तों को

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