जिन्हें हम भूल रहे हैं ……… दुष्यन्त कुमार
कुछ दिन यात्रा में बीते और अब अपने पिता के शहर पिपरिया में हूं ! रास्ते में भोपाल पड़ा तो दुष्यन्त
कुछ दिन यात्रा में बीते और अब अपने पिता के शहर पिपरिया में हूं ! रास्ते में भोपाल पड़ा तो दुष्यन्त
यादवेन्द्र जी के नाम और काम से अब हिन्दी जगत खूब परिचित है। दुनिया भर की कविता और साहित्य के बीहड़
नए दौर के कवियों में आपने पहले व्योमेश, तुषार और गिरिराज किराडू को अनुनाद में पढ़ा है। गीत का बहुत ज़रूरी
शोक का एक दिन पूरा हुआ और मैं सिलसिले को वहीँ से उठा रहा हूँ जहाँ से ये टूटा था –
पंकज चतुर्वेदी की कविताएं _ इतना ही कहूंगा कि सहजता प्राण है इनका ! इच्छा मैंने तुम्हें देखा और उसी क्षण
अनुवादक की बातकोरियाई कवि कू-संग की कविताएँ पहली बार मेरे दोस्त अशोक पांडे को इंटरनेट पर उसकी लगातार यात्राओं के दौरान
युवा कवि गिरिराज किराडू प्रतिलिपि नाम की एक पत्रिका निकलते हैं , जिसके प्रिंटेड रूप से मै परिचित नहीं पर नेट
मेरा सौभाग्य है कि मुझे देवताले जी के एक संकलन पर काम करने का मौका मिल रहा है। यह संकलन स्त्रियों
ये कविता वीरेन जी के नौजवानी के शहर नैनीताल की है और उनके लिए बहुत ख़ास है। अब ये मेरे लिए
1950 के बाद से टामस ट्रांसट्रोमर (तोमास त्रांसत्रोमर) लगातार स्वीडिश कविता का सबसे महत्वपूर्ण चेहरा बने हुए हैं। आधुनिक स्वीडिश कविता