अनुनाद

कविता

फिलीस्तीनी-अमरीकी कवि सुहीर हम्माद की कविता – चौथी तथा अंतिम किस्त / चयन, अनुवाद तथा प्रस्तुति : यादवेंद्र

अमरीका मेंअभी इस वक्त आप जहां खड़े हैंवह जगह आपकी चुराई हुई हैकारण चाहे जो भी रहा हो – अभी इस

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फिलीस्तीनी-अमरीकी कवि सुहीर हम्माद की कविता – तीसरी किस्त / चयन, अनुवाद तथा प्रस्तुति : यादवेंद्र

क्या करूंगी मैं(अरब देशों को युद्ध की आग में झोंकते अमरीकी प्रशासन को सम्बोधित) मैं थिरकूंगी नहीं तुम्हारी रणभेरी परमैं अपनी

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फिलीस्तीनी-अमरीकी कवि सुहीर हम्माद की कविता – दूसरी किस्त / चयन,अनुवाद तथा प्रस्तुति : यादवेंद्र

हादसे के बाद पहले शब्द(11 सितम्बर 2001 के वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के तत्काल बाद लिखी लम्बी कविता के

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