अनुनाद

कविता

जो कुछ है बेतरतीब मेरा – तस्‍लीमा नसरीन की तीन कविताऍं : अनुवाद – सुलोचना वर्मा

विख्‍यात बॉंग्‍ला लेखिका तस्‍लीमा नसरीन का आज जन्‍मदिन है। इस अवसर पर हम उनकी तीन कविताऍं बधाई और शुभकामनाओं के साथ

Read More...

जब सारी बड़ी-बड़ी नदियाँ थक गईं – संदीप तिवारी की चार कविताऍं

संदीप नौजवान कवियों में उम्‍मीद से भरा एक नाम हैं। उन्‍हें पिछले वर्ष युवा कविता के लिए रविशंकर उपाध्‍याय स्‍मृति पुरस्‍कार

Read More...

पिछले शरद के पहले नए थे नीलकुरिंजी के फूल – कुशाग्र अद्वैत की कविताऍं

कुशाग्र अद्वैत बाईस बरस के नौजवान हैं, जिनके पास कुछ विशिष्‍ट जीवनानुभव हैं, जैसे हर नौउम्र इंसान के पास होते हैं।

Read More...

आँखों की नदी में हिल रहे हैं सपने – जितेन्‍द्र श्रीवास्‍तव की कविताऍं

जितेन्‍द्र श्रीवास्‍तव चर्चित कवि हैं। उनकी कुछ प्रेम कविताऍं अनुनाद को मिली हैं। पुरानी बयाज़ से निकाल कर सत्ताईस  बरस बाद

Read More...
error: Content is protected !!
Scroll to Top