कोरियाई कवि कू सेंग की कविताओं का सिलसिला / पहली किस्त
अनुवादक की बात कू सेंग की कविताएँ पहली बार मेरे दोस्त अशोक पांडे को इंटरनेट पर उसकी लगातार यात्राओं के दौरान
अनुवादक की बात कू सेंग की कविताएँ पहली बार मेरे दोस्त अशोक पांडे को इंटरनेट पर उसकी लगातार यात्राओं के दौरान
टॉमस ट्रांसट्रोमर का जन्म १९३१ में स्वीडन के स्टाकहोम में हुआ। उन्होंने अपना बचपन तलाकशुदा माँ के साथ श्रमिक बस्तियों में
1 सपना जिनका कोई सपना नहीं था वे उम्र भर दूसरों का सपना पूरा करने में लगे रहे जिन्हें स्वप्न दिखाए
एक दिन पहले प्रिय कवि व्योमेश शुक्ल से हो रही एक निजी बातचीत में उसने कहा कि भइया आप वापस लौट
अमरीका मेंअभी इस वक्त आप जहां खड़े हैंवह जगह आपकी चुराई हुई हैकारण चाहे जो भी रहा हो – अभी इस
क्या करूंगी मैं(अरब देशों को युद्ध की आग में झोंकते अमरीकी प्रशासन को सम्बोधित) मैं थिरकूंगी नहीं तुम्हारी रणभेरी परमैं अपनी
हादसे के बाद पहले शब्द(11 सितम्बर 2001 के वल्र्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के तत्काल बाद लिखी लम्बी कविता के
जार्डन के एक शरणार्थी शिविर में 1973 में जन्मी सुहीर हम्माद अपने बचपन का कुछ समय बेरूत में फिलीस्तीनी सिविल वॉर
(गीत युवा पीढी की एक बहुत बड़ी सम्भावना और महत्वाकांक्षा हैं। उनसे उम्मीदें बहुत ऊंची हैं और इस ऊँचाई को पाने
आज के सबसे सुखद समाचार की तरह पंकज जी की ये दो कविताएं मिलीं। बच्चे के लिए उन्होंने जो कुछ लिखा,