राकेश रोहित की ग्यारह कविताएं
राकेश रोहित हमारे समकाल के प्रमुख कवि के रूप में उभरे हैं। अनुनाद के वे पुराने साथी हैं, उनकी कविताएं कई बार अनुनाद ने छापी
राकेश रोहित हमारे समकाल के प्रमुख कवि के रूप में उभरे हैं। अनुनाद के वे पुराने साथी हैं, उनकी कविताएं कई बार अनुनाद ने छापी
कमल दा से तीन-चार मुलाक़ातें थीं पर परिचय बहुत पुराना था। साथ उनकी यायावरी के कई क़िस्से थे। वे अचानक चले गए। पुलिस ने प्रथम
नवल अल सादवी स्त्री-संतति के प्रति यौन दुराचार सभी बच्चे जो सामान्य और स्वस्थ पैदा होते हैं खुद को सम्पूर्ण मनुष्य के रूप में महसूसते
(सुबोध शुक्ल हिंदी के तेजस्वी युवा हैं। कुछ समय पहले उनके सम्पादन में पश्चिम के स्त्रीवादी चिंतन पर एक महत्वपूर्ण किताब ‘गूंगे इतिहासों की सरहदों
उपासना झा ने इधर अपनी कविताओं से एक मौलिक पहचान हिंदी-जगत में बनाई है। हिंदी के कुछ महत्वपूर्ण ब्लाग्स पर उनकी कविताएं पिछले कुछ समय
संदीप तिवारी नौउम्र विद्यार्थी हैं। संयोग है कि मेरे ही निर्देशन में पी-एच.डी. के लिए एनरोल्ड हैं। संदीप की कुछ कविताएं उनकी फेसबुक दीवार से
वीरू सोनकर की कविताएं पहले भी अनुनाद पर पाठकों ने पढ़ीं हैं और उन कविताओं पर मेरी टिप्पणी भी। इस बीच उनके कथन में कुछ
आलोकधन्वा की कविता “भागी हुई लड़कियां” १९८८ में छपी . यह घटना हिंदी कविता के इतिहास में एक मील का पत्थर है . इसके बाद
महेश चंद्र पुनेठा – आप कविता के केंद्र में मनुष्य भाव को मानते हैं.कविता ही मनुष्य भाव की रक्षा करती है.यह अच्छी कविता
1. दर्द पके-पके-से लड़की जब भी देखती है काँच के पानी भरे ग्लास में पड़े बर्फ के चौकोर टुकड़े को उसे लगता है एक और