मलय की दो कविताएं
रात में इस रात में सितारों जैसे हज़ार हज़ार लोगों से मिलता हूं हिलता हूं अंदर
रात में इस रात में सितारों जैसे हज़ार हज़ार लोगों से मिलता हूं हिलता हूं अंदर
जयपुरवासी दुष्यन्त ऐसे कविसाथी हैं, जिनसे मेरा लम्बा रचनात्मक संवाद रहा है लेकिन अनुनाद अभी तक इस संवाद का हिस्सा नहीं बन पाया था। हमारे
शेरदा अनपढ़ की कविता पर अनिल कार्की की लम्बी टिप्पणी हम कितने आशावान और कितने निश्चित हैं अपने आने वाले दिनों को लेकर? जब पूरी दुनिया के
वरिष्ठ साहित्यकार दिविक रमेश से हमें अनुनाद के लिए उनकी ये कविताएं प्राप्त हुई हैं, जिनमें समसामयिकता और उसकी अभिव्यक्ति के विविध रूप और हस्तक्षेप
फोन पर हुई बातचीत के बाद सुरेश सेन निशान्त ने स्नेहपूर्वक अपनी कुछ कविताएं भेजी हैं। वे इधर चर्चा में आए महत्वपूर्ण कवि हैं। अनुनाद
विमलेश त्रिपाठी ने इधर, कहानी और कविता, दोनों में अपनी एक महत्वपूर्ण जगह बनाई है। अनुनाद का उनसे आग्रह था कविता के लिए, जिसके जवाब
पिछली पोस्ट की तरह यह पोस्ट भी कविताकोश की सहायता से प्रस्तुत की जा रही है। चन्द्रकांत पाटील मराठी के प्रसिद्ध कवि हैं। कविता के
हम कवियों के लिए जगदीश स्वामीनाथन चित्रकला की दुनिया में बहुत परिचित और सम्मानित नाम है। साम्यवादी विचार के हामी और कभी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
अस्वीकार की अनन्य -गिरिराज किराडू देवी प्रसाद मिश्र इंद्र, आप यहाँ से जाएँ तो पानी बरसे मारूत, आप यहाँ से कूच करें तो हवा चले
भोपालवासी कवि-कहानीकार और संगीतज्ञ वन्दना शुक्ल की कविताएं समकालीन स्त्री मुहावरे से बाहर निकलने/होने की जिद से भरी नहीं, बल्कि उसके भीतर अलग स्वर में