ईरानी कवि सीमा यारी की प्रेमकविता
अनुनाद पर चल रहे प्रेम कविताओं के सन्दर्भ में मैं एक साहसी और अनूठी ईरानी कवि सीमा यारी की एक कविता अनुनाद के पाठकों के
अनुनाद पर चल रहे प्रेम कविताओं के सन्दर्भ में मैं एक साहसी और अनूठी ईरानी कवि सीमा यारी की एक कविता अनुनाद के पाठकों के
( कलात्मक सृजन को किस तरह उत्कृष्ट, सार्थक और प्रासंगिक बनाया जा सकता है ; इस सन्दर्भ में यह एक बेमिसाल कविता है. इसके अलावा
मेरा किया हुआ यह अनुवाद अशोक पांडे और उससे दोस्ती के उन विरल दिनों के लिए, जब उसने मुझे येहूदा आमीखाई जैसे कवि से परिचित
थॉमस मैक्ग्रा अमेरिकी साहित्य के सर्वाधिक उपेक्षित कवियों में हैं. साहित्यिक मठाधीशों ने रैडिकल वामपंथी विचारों वाले इस कवि को कभी वह अहमियत नहीं दी
(ईरान में दमनकारी धार्मिक कट्टरवादियों के खिलाफ़ आंदोलित जनसमूह) ईरान में उभरे जनआक्रोश और इसका दमन करने के तानाशाही रवैये को ध्यान में रखते हुए
जिन्होंने दुख का स्वाद नहीं चखा उन पर दुख टूट पड़ें जो बिछुड़ने के दर्द को नहीं समझते उनके घर बह जाएँ जो मनुष्य की
आज तक मैंने जितनी भी प्रेम-सम्बन्धी कविताएँ पढ़ी हैं——-और ज़ाहिर है कि मेरे पढने की बड़ी सीमा है, फिर भी—–उनमें जर्मन कवि बेर्टोल्ट ब्रेख्त की
धातुएंसूर्य से अलग होकर पृथ्वी का घूमना शुरू हुआ शुरू हुआ चुंबकत्व धातुओं की भूमिका शुरू हुई धातु युग से पहले भी था धातु युग
कवि के परिचय और अनुवादक के पूर्व कथन के लिए यहाँ क्लिक करें ! ख़ाली टोकरियां भोर होते होतेदिखाई पड़ती हैं कई ख़ाली टोकरियांरसोई में
सादी यूसुफ़ की कविता (अनुवाद : अशोक पाण्डे) फ़कीर एक रात बीतने ही वाली थी जब कवियों ने प्रस्थान किया एक-एक कर उनके पास इतनी