अनुनाद

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लेकिन यानी इसलिए – व्योमेश शुक्ल की एक कविता

दहलीज़-७ के ‘फॉलो-थ्रू’ में व्योमेश शुक्ल की कविता का ज़िक्र हुआ था. यह पोस्ट उसी ‘फॉलो-थ्रू’ का ‘फॉलो-थ्रू’ है. लेकिन यानी इसलिए (क्योंकि यह एक

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दहलीज़ ३ : बेर्टोल्ट ब्रेख्त की कविता- “एक चीनी शेर की नक्काशी को देखकर “

तुम्हारे पंजे देखकरडरते हैं बुरे आदमी तुम्हारा सौष्ठव देखकरखुश होते हैं अच्छे आदमी यही मैं चाहूँगा सुननाअपनी कविता के बारे में .( 1941-47 )( अनुवाद

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