अनुनाद

All Blogs

सपनों के षड्यंत्र और विकल्पों की दुनिया – डॉ. अजित की कविताऍं

आत्मकथ्य खुद को कवि कहने का साहस और कवि होने की जिम्मेदारी दोनों का खुद के अंदर नितांत अभाव पाता हूँ. कविता लिखता हूँ यह

Read More »

थक जाते थे हम कलियाँ चुनते – प्रचण्‍ड प्रवीर (बाल साहित्‍य/कविता पर आलेख)

इक्‍कीसवीं सदी के आरम्‍भ में हिन्‍दी में जिन महत्‍वपूर्ण कथाकारों की आमद हुई है, प्रचण्‍ड प्रवीर उनमें बेहद ख़ास और अलग नाम है। वे क़िस्‍सागोई

Read More »

जो कुछ है बेतरतीब मेरा – तस्‍लीमा नसरीन की तीन कविताऍं : अनुवाद – सुलोचना वर्मा

विख्‍यात बॉंग्‍ला लेखिका तस्‍लीमा नसरीन का आज जन्‍मदिन है। इस अवसर पर हम उनकी तीन कविताऍं बधाई और शुभकामनाओं के साथ प्रकाशित कर रहे हैं,

Read More »

उन सपनों को पूरा करने की चाह में – विजय विशाल की कविताऍं

                                                  कवि ने कहा            वस्तुतः लेखक होने से पहले मैं स्वयं को एक सजग पाठक के रूप में देखता हूँ। एक

Read More »

सभी जाएँगे मुझको भूल : विष्णु खरे की कविता पर विशाल श्रीवास्तव का लेख

विष्‍णु खरे हिन्‍दी कविता के इलाक़े में हुई बहुत बड़ी हलचल का नाम है। कितनी ही उथलपुथल उनके नाम दर्ज़ हैं। विवादों में बदलते हुए

Read More »

जब सारी बड़ी-बड़ी नदियाँ थक गईं – संदीप तिवारी की चार कविताऍं

संदीप नौजवान कवियों में उम्‍मीद से भरा एक नाम हैं। उन्‍हें पिछले वर्ष युवा कविता के लिए रविशंकर उपाध्‍याय स्‍मृति पुरस्‍कार बनारस में दिया गया

Read More »
error: Content is protected !!
Scroll to Top