अनुनाद

All Blogs

पिछले शरद के पहले नए थे नीलकुरिंजी के फूल – कुशाग्र अद्वैत की कविताऍं

कुशाग्र अद्वैत बाईस बरस के नौजवान हैं, जिनके पास कुछ विशिष्‍ट जीवनानुभव हैं, जैसे हर नौउम्र इंसान के पास होते हैं। कुशाग्र जीवन की सांद्रता

Read More »

आँखों की नदी में हिल रहे हैं सपने – जितेन्‍द्र श्रीवास्‍तव की कविताऍं

जितेन्‍द्र श्रीवास्‍तव चर्चित कवि हैं। उनकी कुछ प्रेम कविताऍं अनुनाद को मिली हैं। पुरानी बयाज़ से निकाल कर सत्ताईस  बरस बाद कवि ने इन कविताओं

Read More »

विदग्ध देहों का जल-स्पर्श – अमिताभ चौधरी की कविताऍं / चयन : प्रशांत विप्‍लवी

अमिताभ चौधरी की कविताऍं कवि प्रशांत विप्‍लवी ने अपनी एक टिप्‍पणी के साथ उपलब्‍ध करायी हैं। इस सहयोग के लिए अनुनाद प्रशांत जी का आभारी

Read More »

लोगों को दुखों के कलात्मक ढाँचे आकर्षित करते हैं – जोशना बैनर्जी आडवाणी की कविताऍं

कुछ दिन पहले ओम निश्‍चल के एक आलेख में जोशना बैनर्जी आडवाणी का उल्‍लेख मैंने देखा, फिर फेसबुक पर उनकी कविताऍं पढ़ीं। उनसे अनुनाद को

Read More »

जो पैर कभी नहीं चलते वो गप्प लगाते हैं – गौरांशी चमोली की कविताऍं

गौरांशी चमोली की कविताऍं मैंने फेसबुक के एक पेज पर हुए लाइव में सुनीं। जीवन और समाज की बुनियाद समझ से भरी इन कविताओं में

Read More »

पृथ्वी की तमाम ऊर्जा अकेले कैसे चुरा सकता हूँ – अरुण शीतांश की कविताऍं

अरुण शीतांश जाने-पहचाने कवि हैं। उनके महत्‍वपूर्ण रचनात्‍मक और आलोचनात्‍मक हस्‍तक्षेप हिन्‍दी संसार में संवाद की शिनाख्‍़त की तरह देखे गए हैं। अनुनाद पर ये

Read More »
error: Content is protected !!
Scroll to Top