अनुनाद

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समालोचन @ १० : बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा – सुशील कृष्ण गोरे

हिन्‍दी में ब्‍लॉगिंग के मायने ठीक वही कभी नहीं रहे, जो अंग्रेज़ी में हैं या जो उसके तकनीकी मायने भी हैं। हिन्‍दी के लोगों ने

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पारस्परिक समझ का वृक्ष दमकता हुआ सीधा और सरल – विस्वावा शिम्बोर्स्का की कुछ कविताएँ : अनुवाद – श्रीविलास सिंह

एक वाक्य में कविता की परिभाषा ! अच्छा, ठीक है. हम कम से कम पांच सौ परिभाषाएं जानते हैं लेकिन उनमें से कोई भी हमें

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तुम जा रहे हो और आंखें मिला नहीं पा रहे – राजीव कुमार की कविताऍं

अनुनाद पर पहली बार प्रकाशित हो रहे कवि राजीव कुमार इतिहास और हिंदी साहित्य के छात्र रहे। “इंडियाज़ इस्लामिक कंसर्न” पर शोध किया है। पटना

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सहूलियात के विरुद्ध अदावतों के इलाक़ों में – विष्‍णु खरे (दूसरे स्‍मृति-दिवस पर विशेष) – सौजन्‍य : कुमार अम्‍बुज

विष्‍णु खरे की दूसरी पुण्‍यतिथि है। किसी भी दौर में भाषा और समाज की कविता समग्रता में केवल एक कवि की ऊर्जा से संचालित नहीं

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तब केवल उम्मीदों में होते हैं बीज और बारिश – राकेश मिश्र की कविताऍं

राकेश मिश्र जी की कविताओं में गाँव है, वहां की पगडंडी है, प्रकृति है, प्रेम है, आम आदमी और मेहनतकशों के प्रति गहरी संवेदना है। कवि के पास जीवन के

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पाब्लो नेरूदा और बेंजामिन प्रादो की कविताऍं – मूल स्‍पैनिश से अनुवाद : मंजू यादव

मंजू यादव हैदराबाद में विदेशी भाषा विश्‍वविद्यालय से स्‍पैनिश में परास्‍नातक कर रही हैं। अनुनाद ने उनसे स्‍पैनिश मूल से कुछ अनुवाद मॉंगे थे, जिसके

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