हुई मुद्दत कि ग़ालिब मर गया पर याद आता है- देवेन्द्र आर्य
ग़ालिब एक सांसारिक कवि हैं। मोह-लिप्त मगर माया-निर्लिप्त। दुनियाबी रंगीनियों को अगर होठों से पीने में हाथ साथ
ग़ालिब एक सांसारिक कवि हैं। मोह-लिप्त मगर माया-निर्लिप्त। दुनियाबी रंगीनियों को अगर होठों से पीने में हाथ साथ
खेमकरण ‘सोमन’ के कविता संग्रह ‘नई दिल्ली दो सौ बत्तीस किलोमीटर’ में संकलित सभी कविताएँ भोगे हुए जीवन-यर्थाथ की सहज अभिव्यक्तियां हैं। जीवन
पिछले दिनों मेरे किसी मित्र ने रवीन्द्रनाथ ठाकुर के हवाले से कहा कि गुरुदेव का मत था कि यदि कोई उनसे
गहन निराशा भी ताकतवर होती है
अमित हिन्दी के उन दुर्लभ युवा कवियों में है, जो सिर्फ़ कविता करने का हठ नहीं ठाने रहते, बल्कि उसे समृद्ध
इक्कीसवीं सदी के आरम्भ में हिन्दी में जिन महत्वपूर्ण कथाकारों की आमद हुई है, प्रचण्ड प्रवीर उनमें बेहद ख़ास और अलग
विष्णु खरे हिन्दी कविता के इलाक़े में हुई बहुत बड़ी हलचल का नाम है। कितनी ही उथलपुथल उनके नाम दर्ज़ हैं।
कमल जीत चौधरी चर्चित युवा कवि हैं। अनुनाद को दोबारा सक्रिय करते हुए मैंने उनसे हिन्दी कविता में इधर चल रही
साहित्य में संगठनों की प्रासंगिकता पर बहस लगातार बढ़ी है। वैचारिक प्रतिरोध और विमर्श के लिए व्यक्तिकेंद्रित गैरवैचारिक समूहों के बरअक्स