अनुनाद

अनुनाद

आलोचना / समीक्षा

प्रेम के उद्दीप्‍त आलोक में कविता – ओम निश्‍चल

धनुष पर चिड़िया कवि: चंद्रकांत देवताले चयन व संपादन: शिरीष कुमार मौर्य प्रकाशक:शाइनिंग स्‍टार एवं अनुनाद उत्‍तराखंड मूल्‍य:रु.200 धीरे धीरे उम्र

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औरत होने के मायने, उसके दुःख-दर्द, संघर्ष और प्रेम की उदात्तता की दास्तान

                                                       – महेश चंद्र पुनेठा    ‘धनुष पर चिड़िया‘ चंद्रकांत देवताले की स्त्रीविषयक कविताओं का संग्रह है जिसका चयन व

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शमशेर से साझा

कुछ बातरतीब बातों की एक बेतरतीब पड़ताल हर युवा कवि अपनी रचना और विचार-प्रक्रिया में ख़ुद को पूर्वज कवियों से साझा

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काव्य-कथा : बोरहेस और हिमालयाः टुनाईट आयम नॉट ए मंक / गिरिराज किराड़ू

(पिछले दिनों मैंने देखा ऑल जस्टीफाईड छपी हुई, ‘गद्य’ ‘दिखती’ हुई कवितायें वेब पर प्रकाशित होने पर कुछ लोगों को लगा

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उम्मीद और नाउम्मीदी के बीच एक छोटा-सा “या” (शैलेय का कविकर्म) – शिरीष कुमार मौर्य

(यह समीक्षानुमा छोटा लेख अनुनाद पर लगाए जाने से पहले एक-दो पत्रिकाओं में छप चुका है) शैलेय के कविता संकलन पर

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