अनुनाद

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आलोचना / समीक्षा

कविता जो साथ रहती है / 2 – विनोद कुमार शुक्‍ल की कविता : गिरिराज किराड़ू

कवि की तस्‍वीर रविवार से साभार  गिरिराज किराड़ू ने अपने स्‍तम्‍भ की दूसरी कविता के रूप में विनोद कुमार शुक्‍ल की

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अपने जनपद का पक्षी विश्‍व गगन को तोल रहा है (केशव तिवारी की कविता) -शिरीष कुमार मौर्य

आसान नहीं विदा कहना – केशव तिवारी  गद्य के इलाक़े में मेरी यात्रा अभी शुरू ही हुई और इस शुरूआत में

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थोड़ी-सी निजता से बाहर ढेर सारी जगह (सुषमा नैथानी की कविताएं) – शिरीष कुमार मौर्य

सुषमा नैथानी मूलत: जीन-विज्ञानी हैं। नैनीताल में उसी विश्‍वविद्यालय में पढ़ी हैं, जिसमें मैं भी पढ़ा हूं और अब पढ़ाने की

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