अनुनाद

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कथेतर गद्य

हिन्दी साहित्य,न्यू मीडिया एवं प्रकाशक/प्रकाशन – कुमार अनुपम और आमोद माहेश्‍वरी से मेधा नैलवाल की बातचीत

  हिन्दीसाहित्य,न्यू मीडिया एवं प्रकाशक/प्रकाशन : कुमार अनुपम-  (साहित्य अकादमी,दिल्ली)  साक्षात्कार                                                    छवि – 5

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समालोचन @ १० : बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदा – सुशील कृष्ण गोरे

हिन्‍दी में ब्‍लॉगिंग के मायने ठीक वही कभी नहीं रहे, जो अंग्रेज़ी में हैं या जो उसके तकनीकी मायने भी हैं।

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यहां कविता में पुराने छंद चाहे न आ रहे हों किन्तु उन छंदों की लय आज भी बची हुई है – वरिष्ठ आलोचक जीवन सिंह से महेश पुनेठा की बातचीत/3

                                      महेश चंद्र पुनेठा – आप कविता के केंद्र में मनुष्य भाव को मानते हैं.कविता ही मनुष्य भाव की रक्षा

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वर्तमान सन्दर्भ में उत्तरभारतीय तालों का व्यावहारिक स्वरूप: एकअध्ययन

वर्तमान सन्दर्भ में उत्तर भारतीय तालों का व्यावहारिक स्वरूप: एकअध्ययन श्रीमती ललिता, शोधार्थिनी, संगीत विभाग, कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल डा०रेखा साह, असिस्टेन्ट

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मुक्तिबोध मेहनतकश की आजादी के पक्षधर हैं : वरिष्ठ आलोचक जीवन सिंह से कवि महेश पुनेठा की बातचीत/2

                           महेश चंद्र पुनेठा- मुक्तिबोध के समय बहुत सारे आधुनिकतावादी कवि यह कहते हुए पाए जाते थे कि जनवाद,समाजवाद भीड़ की

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