अनुनाद

आलोचना / समीक्षा

माधवी : पौराणिक कथा के बहाने स्त्री देह पर सत्ता और ताकत की राजनीति का भंडाफोड़ – सुजाता

भीष्म साहनी के नाटकों में शायद “माधवी” ही है जिसकी चर्चा सबसे कम हुई है बावजूद इसके कि वह पौराणिक कथा

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कविता की उम्मीदों का लालिमा भरा चेहरा – अनिल कार्की के कविता संग्रह ‘उदास बखतों का रमोलिया’ पर महेश चंद्र पुनेठा का लेख

अनिल कार्की संभावनाओं का एक नाम है और महेश पुनेठा सुपरिचित कवि-समीक्षक। महेश पुनेठा का अनिल के संग्रह पर लिखना सुखद

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जुगलबंदी: लीलाधर जगूड़ी की लम्बी कविता “बलदेव खटिक” एवं वीरेन डंगवाल की बहुचर्चित कविता “रामसिंह’ को साथ-साथ पढ़ते हुए – पृथ्वीराज सिंह

पृथ्वीराज सिंह को सोशल मीडिया पर मैंने कविता पर उनकी कुछ सधी हुई टिप्पणियों से जाना। कविता की उनकी पढ़त और

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