अनुनाद

All Blogs

कविता

राजेश जोशी, महेश पुनेठा और प्रदीप सैनी की कविताओं का अनुवाद / हर्ष काफर

गुरूत्‍वाकर्षण न्यूटन जेब में रख लो अपना गुरूत्वाकर्षण का नियमधरती का गुरूत्वाकर्षण ख़त्म हो रहा है । अब तो इस गोल-मटोल और ढलुआ पृथ्वी परकिसी

Read More »
कविता

मथुरादत्‍त मठपाल की कविताओं का अनुवाद / कृष्‍ण चन्‍द्र मिश्रा

आङ्-आङ् चिचैल है गो ! आङ्-आङ् चिचैल है गो ! हिकौ-हिकौ कुकैल है गो । मुखां-मुखां म्वडैन फोकी गे । पौन-पाणी सैद विखेल है गो

Read More »
कविता

सूंण मेरी सरम्याळी मायादार / रूचि बहुगुणा उनियाल

बुढ्या ह्वैगी पैली नी जागदी थै माँ अधरातीम मेरा पिताजी बणौंदा था चाहा सुबेर्योंकी दींदा था हम सब्युंक चाहा की प्याली बिछौंण्युम काळी गौड़ी ज्यू

Read More »
आलोचना / समीक्षा

मृत्‍यु कविताऍं – अरुण देव (समीक्षा- रविभूषण)

‘मृत्यु कविताएँ’ जीवन-विरोधी कविताएँ नहीं हैं   – रविभूषण निराला के बाद अरुण देव संभवतः हिन्दी के अकेले कवि हैं, जिन्होंने मरण का वरण किया है। निराला

Read More »
कथेतर गद्य

प्रयाग शुक्‍ल से शर्मिला बोहरा जालान का साक्षात्‍कार (प्रयाग शुक्‍ल जन्‍मदिन विशेष)

“हम छवियों के युग में रह रहे हैं। छवियों के युग में रहने के कारण कलाकृतियों को देखना आसान और मुश्किल दोनों हो गया है।”-

Read More »
error: Content is protected !!
Scroll to Top