कू सेंग की कविताएँ
अनुवादक की बातकोरियाई कवि कू-संग की कविताएँ पहली बार मेरे दोस्त अशोक पांडे को इंटरनेट पर उसकी लगातार यात्राओं के दौरान मिलीं। उसे वो पसन्द
अनुवादक की बातकोरियाई कवि कू-संग की कविताएँ पहली बार मेरे दोस्त अशोक पांडे को इंटरनेट पर उसकी लगातार यात्राओं के दौरान मिलीं। उसे वो पसन्द
युवा कवि गिरिराज किराडू प्रतिलिपि नाम की एक पत्रिका निकलते हैं , जिसके प्रिंटेड रूप से मै परिचित नहीं पर नेट पर हर कोई इस
मेरा सौभाग्य है कि मुझे देवताले जी के एक संकलन पर काम करने का मौका मिल रहा है। यह संकलन स्त्रियों से संबंधित कविताओं का
ये कविता वीरेन जी के नौजवानी के शहर नैनीताल की है और उनके लिए बहुत ख़ास है। अब ये मेरे लिए भी ख़ास होती जा
1950 के बाद से टामस ट्रांसट्रोमर (तोमास त्रांसत्रोमर) लगातार स्वीडिश कविता का सबसे महत्वपूर्ण चेहरा बने हुए हैं। आधुनिक स्वीडिश कविता का कोई भी जिक्र
जैसा अनुनाद के पाठक जानते हैं कि मैं अकसर ही अपने साथ के और बाद के किसी न किसी युवा कवि को अपने ब्लॉग में
इस कविता को प्रगतिशील वसुधा के नए अंक में भी पढ़ा जा सकता है और विलक्षण चित्रकार अमृता शेरगिल की यह विख्यात पेंटिंग यहाँ से
(शालिनी को समर्पित)कम ही सही पर वे हर जगह हैंइस महादेश की करोड़ों लड़कियों के बीच अपने लायक जगह बनातीघर से कालेज और कालेज से
अनुनाद मेरा ब्लॉग है और शायद मुझे पूरा अधिकार है कि इसमें अपनी कविताएं लगाऊं, लेकिन एक वरिष्ठ तथा मेरे प्रिय कवि ने फोन पर
मैं बहुत लंबे समय से चाहता हूँ कि अनुनाद पर अब तक लंबित रहे विचार – विमर्श के पक्ष को किसी तरह पूरा किया जाए