नूतन डिमरी गैरोला की कविताएं
अनुनाद पर पिछली पोस्ट में विजय गौड़ की कविताएं आपने पढ़ीं। मेरे लिए विजय की एक पहचान देहरादून है, गो वे
अनुनाद पर पिछली पोस्ट में विजय गौड़ की कविताएं आपने पढ़ीं। मेरे लिए विजय की एक पहचान देहरादून है, गो वे
विजय कई वर्षों से कथा और कविता के प्रदेश के नागरिक हैं। इस ख़ूब विचारवान और अनुभवसम्पन्न साथी की कविताएं बहुत
वीरू सोनकर सोशल मीडिया पर सक्रिय उन नौउम्र कवियों में हैं, जिनकी कविता मैं अकसर उत्सुक के साथ पढ़ता हूं। ये
राकेश रोहित की कविताएं एक वक़्त से फेसबुक और उनके ब्लॉग पर पढ़ता रहा हूं। मद्धम आंच से भरी उनकी कविताएं
मेरा सुजाता से पहला परिचय चोखेरबाली ब्लाग की वजह से है और दूसरा फेसबुक पर। इतना जानना भी इस मायने में
अनुनाद पर बहुत समय बाद अपना लिखा कुछ लगा रहा हूं। ज़्यादा कुछ नहीं बस मेरे कुछ प्रलाप भर हैं। अकेले
कमल अनुनाद के प्रिय कवियों में से हैं पर इधर बहुत समय बाद उनकी कविताएं मिली हैं। पहली बार प्रकाशित हो
(एक) जिन सड़कों पर कोई नहीं चलता वे भी कहीं न कहीं जाती हैं उन घरों में किस्से रहते हैं जो
भारतीय स्त्री के जीवन के करुण महाख्यान के कुछ पृष्ठ लिखती सोनी पाण्डेय की यह कविता प्रस्तुत करते हुए अनुनाद उनका
इसी मुल्क का ज़िंदा बाशिंदा अब मैं इससे ज्यादा वेदना से नही रो सकता इससे ज्यादा आंसू नहीं हैं मेरे पास